फेसबुक पोस्ट में उठाए गए प्रमुख मुद्दे
रोसड़ा को समस्तीपुर लोकसभा में मिलाने और सिंघिया विधानसभा समाप्त करने का निर्णय विकास को दशकों पीछे धकेलने वाला रहा। पिछले 20 वर्षों में भाजपा, जदयू, राजद और कांग्रेस—सभी दलों के विधायक चुने गए, लेकिन ठोस विकास कार्य नहीं हुए। ब्लॉक रोड और स्टेशन रोड की जर्जर हालत, नल-जल योजना की विफलता और लगातार जलजमाव से जनता त्रस्त है। कानून व्यवस्था ढीली है और युवाओं को रोज़गार के अभाव में पलायन करना पड़ रहा है। रोसड़ा जिला बनाने की मांग आज भी अधूरी है।
अपने फेसबुक पोस्ट में एन. मंडल ने लिखा
“अब समय आ गया है कि हम मिलकर इस राजनीतिक ठहराव को तोड़ें। रोसड़ा के विकास की नई राह तभी खुलेगी, जब जनता अपनी ताकत पहचानकर सही नेतृत्व का चुनाव करेगी।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, लोजपा नेता चिराग पासवान, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी, समस्तीपुर सांसद शाम्भवी चौधरी समेत सभी दलों के नेताओं को टैग करते हुए जनता की आवाज़ को सामने रखा।
जनता की पुकार
एन. मंडल के अनुसार, रोसड़ा की जनता अब सवाल पूछ रही है—
आखिर कब रोसड़ा को उसका हक़ मिलेगा?
कब यह क्षेत्र “अति पिछड़ेपन” से निकलकर विकास की राह पर बढ़ेगा?
कब रोसड़ा जिला बनाने का सपना साकार होगा?
एन. मंडल ने फेसबुक पोस्ट में स्पष्ट कहा कि
“रोसड़ा की उपेक्षा केवल विकास की रफ्तार को रोकना नहीं है, बल्कि जनता की आकांक्षाओं के साथ अन्याय है। बदलाव केवल नारों से नहीं आएगा, बल्कि सही नेतृत्व चुनने से आएगा।”

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