- मीताकृति आर्ट स्टूडियो संग किडज़ानिया का रचनात्मक सफर
सत्रों के दौरान नन्हें कलाकार बिजली के चाक पर टेराकोटा मिट्टी को आकार देंगे और अपनी रचनाओं को रंगों से सजाएँगे। बच्चों को इस अनुभव में डुबोने के लिए एक छोटा वीडियो भी दिखाया जाएगा, जिसमें कुम्हार बनने की यात्रा और पर्यावरण-अनुकूल तरीकों का महत्व समझाया जाएगा। किडज़ानिया इंडिया के मुख्य व्यवसाय अधिकारी तरनदीप सिंह सेखों ने कहा "हम मानते हैं कि शिक्षा सिर्फ कक्षा तक सीमित नहीं रहती। पॉटरी और आर्ट बच्चों को ध्यान, रचनात्मकता और कौशल का संगम सिखाते हैं। मीता सुरैया और मीताकृति आर्ट स्टूडियो के सहयोग से हम बच्चों के लिए एक ऐसा मंच बना पाए हैं जहाँ वे अपनी प्रतिभाओं को खोज सकें और समझ सकें कि शौक किस तरह पेशे का रूप ले सकता है। आने वाले महीनों में हम किडज़ानिया दिल्ली-एनसीआर में भी एक नया स्टूडियो शुरू करेंगे।" वहीं, मीता सुरैया, संस्थापक और निदेशक, मीताकृति आर्ट स्टूडियो ने कहा "हर बच्चा अलग होता है और कला ही वह भाषा है जिससे वे खुद को पहचानते हैं। पॉटरी और आर्ट आत्म-अभिव्यक्ति के साथ-साथ वास्तविक करियर विकल्प भी खोलते हैं। किडज़ानिया के साथ हमारा सहयोग बच्चों को यह दिखाने का प्रयास है कि आज मिट्टी से बने छोटे-छोटे आकार भविष्य के बड़े सपनों को गढ़ सकते हैं।"

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