सीहोर : मद्य निषेध सप्ताह का दो दिवसीय पुरस्कार महोत्सव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 8 अक्टूबर 2025

सीहोर : मद्य निषेध सप्ताह का दो दिवसीय पुरस्कार महोत्सव

  • एक दर्जन से अधिक प्रतिभागियों को दिए पुरस्कार
  • मेरे नशे की लत का जिम्मेदार मेरा समाज विषय प्रतियोगिता का आयोजन

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सीहोर। शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र के सहयोग से सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण के तत्वाधान में महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर मद्य निषेध सप्ताह के अंतर्गत अभियान के दौरान बुधवार से दो दिवसीय पुरस्कार महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर केन्द्र के संचालक राहुल सिंह ने महोत्सव में मौजूद वरिष्ठ समाजसेवी विवेक रुठिया, रेडक्रास सोसाइटी के सचिव विपुल चांडक, संस्कार मंच के धर्मेन्द्र माहेश्वरी, इंजीनियर कृष्णकांत पाटीदार सहित अन्य का स्वागत किया। दो दिवसीय पुस्कार महोत्सव के पहले दिन मेरे नशे की लत का जिम्मेदार मेरा समाज विषय प्रतियोगिता में आधा दर्जन से अधिक युवाओं को पुरस्कार वितरण किया गया। जिसमें इस विषय के पक्ष में विजेता के रूप में प्रथम स्थान राजा तिवारी, दूसरा स्थान विनोद मीना, तीसरा स्था राजा मेवाड़ा ने हासिल किया। वहीं इसके विपक्ष में शानदार चर्चा का हिस्सा रहे और प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले नितिन कोल्फ, दूसरा स्थान चंदर मेवाड़ा और तीसरा स्थान विजय शर्मा ने हासिल किया। इस मौके पर विपक्ष की भूमिका निभा रहे नितिन कोल्फे ने कहाकि नशे की लत या किसी नशे की चीज का एडिक्शन होना एक मानसिक बीमारी है, नशे की लत का कारण मानसिक रूप से स्वास्थ्य न रहना है। आसानी से किसी के साथ जुड़ने में दिक्तत का सामना कर रहें लोग भी इस लत का शिकार हो रहें है। कार्यस्थल या स्कूल में ख़राब प्रदर्शन। तनाव को दूर करने में परेशानी का सामना करने वालें लोग भी इस लत का शिकार हो जाते है। इसलिए इस नशे रुपी बीमारी से हमें स्वयं मुक्ति की राह खोजना चाहिए।


वही इस के पक्ष में चर्चा करते हुए राजा तिवारी ने कहाकि हम सभी सामाजिक प्राणी है और आस-पास जो भी होता है उसका असर हम पर तेजी से पड़ने लगता है, यदि आप न चाहते हुए भी नशा कर रहें है तो इससे बचाव के लिए आपको इसे एकदम से नहीं छोड़ना है बल्कि इसे आप धीरे-धीरे छोड़ने की आदत को डालें। क्यूकि  कहते है न की अगर किसी चीज को पाने में 6 महीने लगें है तो उसको छोड़ने में 8 से 10 महीने तो आसानी से लग सकते है। लेकिन कोशिश यही करनी है की इससे दूरी जल्दी बनाई जाए। नशा छोड़ने में सबसे बड़ी भूमिका मजबूत मन निभाता है। अगर आपने फैसला कर लिया है कि आप दोबारा नशे को हाथ नहीं लगाएंगे, तो पहले मन में आत्मविश्वास बढ़ाएं। खुद पर भरोसा करना शुरू करें कि इस काम को फिर से नहीं दोहराएंगे। कई बार व्यक्ति नशे का शिकार किसी बीमारी के कारण होता है, इसलिए जरूरी है की अगर व्यक्ति किसी पुराणी बीमारी से काफी लंबे समस्य से जूझ रहा है तो उसको उस बीमारी से बाहर निकाले। बुरी संगत और बुरी चीजों से दुरी बनाकर रखें, वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी की एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है, ठीक यही कहावत नशा करने वाले लोगों को साथ रखने से भी सही साबित होती है। नशे से बचाव के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल और दिनचर्या में बदलाव लाना होगा तभी जाकर आप इस लत से खुद को बाहर निकालने में कारगर साबित होंगे। इसके अलावा अपने रोजाना की दिनचर्या में योग व्यायाम को जरूर शामिल करें।


आज किया जाएगा अन्य विषय पर चर्चा

इस संबंध में श्रद्धा भक्ति सेवा समिति की ओर से मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र के तत्वाधान में दो दिवसीय पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जा रहा है। गुरुवार को इसका समापन किया जाएगा। इस मौके पर यहां पर मौजूद हितग्राहियों के मध्य पक्ष-विपक्ष के माध्यम से एक दूसरे के सुझाव और उपाय के प्रति उनके विचार सुनकर उनको पुरस्कार वितरण किया जाएगा। 

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