भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि अकेले बोकारो जिले के लिए निर्धारित 631 करोड़ रुपये में से 500 करोड़ रुपये का कोई हिसाब नहीं है। उन्होंने कहा कि यह घोटाला तब सामने आया जब कैग (भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक)की रिपोर्ट आई और सूचना के अधिकार (आरटीआई) तहत मांगी गई जानकारी में इसकी पुष्टि हुई। सिन्हा ने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय ने इस संबंध में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को अपना जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा,‘‘झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद (राष्ट्रीय जनता दल) सरकार चला रहे हैं। वे बिहार में चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस को जवाब देना होगा कि क्या वह इस घोटाले के जरिए अपने लिए धन इकट्ठा कर रही है।’’ झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने पिछले महीने बोकारो जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) में धन के गबन का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। मरांडी के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा था कि राज्य सरकार पूरे मामले की जांच कर रही है और जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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