- भोरे में का. जितेन्द्र पासवान की गिरफ्तारी निंदनीय
- माले के उम्मीदवारों को राजनीतिक साजिश के तहत किया जा रहा टारगेट
1. तरारी - तरारी विधानसभा से इस बार अतिपिछड़े समुदाय सेका. मदन सिंह चंद्रवंशी को उम्मीदवार बनाया गया है. इलाके के काफी लोकप्रिय नेता रहे का. चंद्रवंशी सहार प्रखंड के प्रमुख भी रह चुके हैं. उन्होंने दलितों-गरीबों के कई आंदोलनों का प्रत्यक्ष नेतृत्व किया है और लगभग 35 सालों से भाकपा-माले के राजनीति से जुड़े हुए हैं.
2. अगिआंव - अगिआंव सीट पर भाकपा-माले ने एक बार फिर शिवप्रकाश रंजन को अपना उम्मीदवार बनाया है. 2024 के उपचुनाव में उन्होंने अगिआंव से शानदार जीत हासिल की थी. का. शिवप्रकाश रंजन छात्र आंदोलन की उपज हैं. वे लंबे समय तक आइसा के राज्य सचिव रहे और अभी आरवाइए के राज्य सचिव भी हैं. वे भोजपुर में छात्र-युवा आंदोलन की एक मजबूत आवाज हैं.
3. डुमरांव - डुमरांव से इस बार फिर अजीत कुमार सिंह को ही टिकट मिला है और आज उन्होंने अपना नामांकन किया. 2020 के चुनाव में उन्होंने डुमरांव सीट पर काफी शानदार जीत हासिल की थी. बिहार में उन्होंने चुनाव के पहले रिपोर्ट कार्ड पेश करके एक नई मिसाल पेश की. उन्होंने सदन से लेकर सड़क तक कई आंदोलनों का प्रत्यक्ष नेतृत्व किया है. डुमरांव में कई ऐतिहासिक काम उनके विधायक रहते हुए किया गया है.
4. फुलवारीशरीफ - फुलवारी से गोपाल रविदास ने भी आज नामांकन किया है. वे भी किसी परिचय के मोहताज नहीं है. भाकपा-माले के तपे तपाए नेता गोपाल रविदास ने अपने इलाके में दलितों-गरीबों-अल्पसंख्यकों के बीच लगातार काम किया है और सदन से सड़क तक उनके कामों की चर्चा होते रही है.
5. दीघा - पटना की दीघा सीट से दिव्या गौतम ने अपना नामांकन दर्ज किया. वे आइसा की जुझारू नेता रह चुकी हैं. 2012 में पटना वि.वि. छात्र संघ चुनाव में आइसा की उम्मीदवार थीं और काफी मामूली वोट से हार गई थीं. बीपीएससी अधिकारी के रूप में भी उनकी बहाली हुई लेकिन उन्होंने राजनीतिक-सामाजिक-सांस्कृतिक कामों में रहना ही पसंद किया. वे पटना वीमेंस काॅलेज में पत्रकारिता भी पढ़ा चुकी हैं. भाकपा-माले ने इस बार अपने तेज तर्रार युवा चेहरे पर दीघा में भरोसा जताया है.
6. भोरे - जितेन्द्र पासवान 2020 में भी वहां से उम्मीदवार थे और महज 400 वोट से हार गए थे. उसके बाद राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें मुकदमों में फंसा दिया गया और उनके ऊपर तरह-तरह के जुल्म ढाए गए. बावजूद, उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा. अभी वे आरवाइए के राज्य अध्यक्ष हैं. आज नामांकन के दौरान उनकी गिरफ्तारी हो गई.

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