सूत्रों के अनुसार अंकुर बच्चों को नशे की चपेट में धकेलने और इलाके में जहरीली दवाओं की सप्लाई करने में सक्रिय रहा है। वह अक्सर स्कूटी पर सप्लाई करता है और शक से बचने के लिए अपने छोटे बच्चे को साथ रखता है। इससे पुलिस को भी लंबे समय तक गुमराह किया गया। बताया जा रहा है कि रनहोला थाने के कुछ बीट अफसरों और नारकोटिक्स सेल के पुलिसकर्मियों से इसकी मिलीभगत की चर्चा भी स्थानीय लोगों में होती रही है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि आरोपी का पूरा परिवार, महिलाओं सहित, इस धंधे में वर्षों से शामिल है। इस वजह से इलाके का माहौल लगातार दूषित हो रहा है और युवा पीढ़ी नशे के दलदल में धंस रही है। कई बार शिकायतों के बावजूद यह नेटवर्क सक्रिय रहा और आरोपी अपने वक़ील पांडेय का सहारा लेकर कानूनी दांवपेंच और पैरवी की आड़ में गिरफ्त से बाहर निकल आता है।
जानकारी यह भी मिली है कि आरोपी के एक वकील हर बार अदालत में उसकी जमानत के लिए अथवा छुड़ाने के लिए तुरंत पैरवी करते हैं और पुलिस पर दबाव बनाकर या समझौते की स्थिति में उसे छुड़वा लेते हैं। यही वजह है कि अब तक यह शख्स पूरी तरह सलाखों के पीछे नहीं पहुंच पाया है। इलाके के सामाजिक संगठनों ने सरकार और पुलिस से मांग की है कि ऐसे अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि बच्चों और युवाओं को नशे की इस चपेट से बचाया जा सके। एनडीपीएस एक्ट के तहत कठोर दंड का प्रावधान है, लेकिन सवाल यह है कि क्या पुलिस और प्रशासन अब गंभीरता से कदम उठाकर इस नेटवर्क को तोड़ पाएंगे या फिर यह खेल यूं ही चलता रहेगा। नशे की लत और सप्लाई ने जहां एक ओर परिवारों को बर्बाद किया है, वहीं समाज का संतुलन भी बिगाड़ा है। अंकुर जैसे अपराधियों पर सख्त कार्रवाई ही क्षेत्र को इस जहर से मुक्ति दिला सकती है। जनता को मिले आश्वासन के अनुसार रनहोला एसएचओ ने जनता को आश्वासन दिया है की ऐसे शातिर नशा सप्लायर की गिरफ्तारी जल्द होगी।

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