- 29 अक्तूबर को बुलाया गया निरीक्षण, अदालत ने हिंदू पक्ष की मांग को माना
सुनवाई के दौरान अदालत ने उस याचिका पर भी चर्चा की जो आदि विश्वेश्वर विराजमान पक्ष की ओर से दाखिल की गई थी। इस याचिका में मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा-अर्चना की अनुमति देने के साथ ही पूजा में बाधा डालने वालों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। न्यायालय का यह निर्णय अब इस पूरे विवादित परिसर की भावी स्थिति पर भी असर डाल सकता है। कपड़ा बदलने की प्रक्रिया को प्रशासनिक निगरानी में कराए जाने का निर्णय यह संकेत देता है कि अदालत सतर्कता और पारदर्शिता दोनों पर समान रूप से बल दे रही है। ज्ञानवापी विवाद पिछले तीन वर्षों से देशव्यापी विमर्श का विषय रहा है। इस दौरान अदालत के आदेशों और सर्वेक्षण रिपोर्टों के चलते परिसर के धार्मिक स्वरूप, इतिहास और संवेदनशीलता को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रश्न उठे हैं। अब जब अदालत ने सील कपड़ा बदलने की अनुमति दे दी है, तो एक बार फिर पूरे देश की निगाहें 29 अक्तूबर को होने वाली उस प्रक्रिया पर टिकी रहेंगी, जिसमें प्रशासनिक उपस्थिति के बीच ज्ञानवापी परिसर का सील कपड़ा बदला जाएगा।

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