- धर्मनिष्ठ समाज ही सशक्त भारत की आधारशिला, विहिप कार्यकर्ताओं का संकल्प, ‘घर-घर हिंदू जागरण, हर दुकान पर शुद्धता का अभियान’
- धर्म आधारित अर्थव्यवस्था ही आत्मनिर्भरता की जड़ : मिलिंद
काशी-मथुरा हमारा सांस्कृतिक स्वाभिमान
मिलिंद परांडे ने कहा कि जिस प्रकार राम मंदिर आंदोलन ने हिंदू समाज को नई चेतना दी, उसी तरह काशी और मथुरा से जुड़ी भावनाएं भी भारत के करोड़ों हिंदुओं के आत्मसम्मान की प्रतीक हैं। उन्होंने कहा काशी विश्वनाथ धाम का भव्य रूप अपने आप में हिंदू संस्कृति के जागरण का प्रतीक है। अब समय है कि काशी और मथुरा को भी उनके गौरवपूर्ण स्वरूप में स्थापित किया जाए। इस दिशा में विहिप शीघ्र जनजागरण, संपर्क और सामाजिक संवाद का राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम शुरू करेगी।
घर-घर जागरण, समाज के हर वर्ग से संवाद
परिषद द्वारा बनाए गए इस नए कार्यालय को हिंदू संगठनों के समन्वय और सामाजिक संपर्क का केंद्र बताया गया। परांडे ने कहा कि यह भवन केवल ईंट-पत्थरों से नहीं बना, बल्कि यह हिंदू समाज की एकता और आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि विहिप के कार्यकर्ता आने वाले समय में घर-घर जाकर लोगों से संवाद करेंगे और उन्हें अपने धर्म, संस्कृति, और परंपराओं के संरक्षण के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि काशी के नंदकिशोर रुंगटा हिंदू भवन से उठी यह नई चेतना अब देश के हर कोने तक पहुंचेगी, जहाँ धर्म, संस्कृति और स्वाभिमान का दीप एक साथ जल उठेगा।
भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने का संकल्प
कार्यक्रम में उपस्थित संत-महात्माओं और विहिप पदाधिकारियों ने भी भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने के संकल्प को दोहराया। परांडे ने कहा कि “भारत तभी विश्वगुरु बनेगा, जब हिंदू समाज धर्मनिष्ठ, आत्मनिर्भर और एकजुट होगा। इसके लिए विहिप का हर कार्यकर्ता गाँव-गाँव, नगर-नगर जाकर समाज में चेतना का दीप प्रज्वलित करेगा।” इस अवसर पर विहिप के क्षेत्रीय मंत्री सुधांशु त्रिवेदी, प्रांत संगठन मंत्री अशोक तिवारी, काशी प्रांत अध्यक्ष डॉ. विजय पांडे, सहित अनेक संत, महंत, और स्थानीय कार्यकर्ता उपस्थित रहे। नवनिर्मित भवन का लोकार्पण विधिवत पूजन-अर्चन के बाद किया गया। पूरे कार्यक्रम में “जय श्रीराम” और “हर हर महादेव” के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा।

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