सीहोर : कुबेरेश्वरधाम पर आन लाइन शिव महापुराण, 29 अक्टूबर को भव्य अन्नकूट महोत्सव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शनिवार, 25 अक्टूबर 2025

सीहोर : कुबेरेश्वरधाम पर आन लाइन शिव महापुराण, 29 अक्टूबर को भव्य अन्नकूट महोत्सव

  • व्यर्थ का खर्चा जीवन की व्यवस्था को और व्यर्थ की चर्चा मन की अवस्था को ख़राब करते हैं : अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा

Kubereshwar-dham-sehore
सीहोर। व्यर्थ का खर्चा और व्यर्थ की चर्चा मानव जीवन को नष्ट करता है, अनावश्यक कामों में धन और समय बर्बाद करने से व्यक्ति अपने जीवन के सही उद्देश्यों से भटक जाता है। मानव के जीवन में शिव कथा और भगवान का सत्संग दवाई का कार्य करता है। दामोदर माह, कार्तिक मास में सत्संग और भगवान की कथाओं के श्रवण करने का कुबेरेश्वरधाम पर आपको सौभाग्य मिला है। कथा के यजमान दामोदर जी छत्तीसगढ़ सहित देश भर के श्रद्धालु आन लाइन कथा का श्रवण कर रहे है। अगर सच्चे मन से दो क्षण केवल शिव महापुराण का श्रवण कर लिया जाए तो मानव जीवन सफल हो जाता है। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में शनिवार से आरंभ आन लान शिव महापुराण के पहले दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे।


इस मौके पर उन्होंने कहाकि देवराज ब्राह्मण ने अंतिम समय में शिव महापुराण का मन से ध्यान किया तो उसका जीवन सफल हो गया और कैलाशधाम पहुंचा। देवराज ब्राह्मण अपने कर्म से भटक गया था और अनाचार और पापाचार में लिप्त था, लेकिन मात्र दो क्षण केवल कथा का श्रवण से उसको मुक्ति मिली। कथा के दौरान उन्होंने यहां पर आए श्रद्धालुओं के पत्र पर चर्चा करते हुए कहाकि आपका भरोसा शिव के प्रति होना जरूरी है। एक विद्यार्थी प्रत्येक शशीशंकर गुप्ता इंजीनियर कालेज से पढ़ाई की है। कालेज के चौथे वर्ष में भी वह नौकरी से वंचित थे, जब उनकी माताश्री ने उनको शिव पर जल चढाने की बात कही तो उन्होंने पढ़ाई के साथ विश्वास करते हुए भगवान शिव पर जल चढ़ाने का क्रम जारी रखा तो उनको तीन बड़ी कंपनी से जॉब के आफर आए, उनको अमेरिका की सबसे बड़ी कंपनी में नौकरी प्राप्त की है। इसके अलावा राजस्थान से आए माता-पिता ने बताया कि हमारे बच्चे ने पढ़ाई के साथ शिव की भक्ति की है, जिसका परिणाम उसको मेडिकल आफिसर की नौकरी प्राप्त हुई है। इस मौके पर पंडित श्री मिश्रा ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। पंडित श्री मिश्रा ने कहाकि व्यर्थ के खर्चे और चर्चा, दोनों मिलकर व्यक्ति को आंतरिक रूप से खोखला कर देते हैं। यह विनाश बाहरी दुनिया में नहीं, बल्कि भीतर होता है। यह व्यक्ति की मानसिक शांति, आर्थिक स्थिति और सामाजिक रिश्तों को बर्बाद कर देता है।


कथा से मिलती है शिक्षा

सार्थक सोच-अपना ध्यान अपने लक्ष्यों और सकारात्मक विचारों पर केंद्रित करें।

सजगता-फिजूलखर्ची और व्यर्थ की बातों को पहचानें और उनसे बचें।

आत्म-नियंत्रण- अपने खर्चों और अपनी बातचीत पर नियंत्रण रखें।

आत्म-विकास-अपना समय और ऊर्जा कुछ सीखने या अपने जीवन को बेहतर बनाने में लगाए।

कोई टिप्पणी नहीं: