सीहोर : इस बार अल्प बारिश के चलते आगामी दिनों में गहरा सकता है जल संकट - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 11 अक्टूबर 2025

सीहोर : इस बार अल्प बारिश के चलते आगामी दिनों में गहरा सकता है जल संकट

  • नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर ने जलाशयों के जल स्तर को देखते हुए भगवानपुरा-जमोनिया डेम का निरीक्षण

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सीहोर। मानसून की विदाई हो गई है और इस वर्ष कम बारिश को देखते हुए नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर ने आगामी दिनों में जल संकट से उभरने के लिए रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है। शनिवार को नपाध्यक्ष श्री राठौर ने इंजीनियर विजय कोली सहित नगर पालिका के अमले के साथ जिला मुख्यालय के समीपस्थ भगवानपुरा और जमोनिया डेम का निरीक्षण किया। इस मौके पर इंजीनियर कोली ने बताया कि कम बारिश के कारण पिछले वर्ष से बारिश कम दर्ज होने के कारण इसका असर डेम के जल स्तर पर हुआ है। उनके मुताबिक गत वर्ष भगवानपुरा डेम का जल स्तर 23 फीट के करीब था, लेकिन अब वर्तमान जल स्तर 21 फीट है और वहीं जमोनिया डेम का पिछले वर्ष 28 फीट के करीब था, लेकिन अब 23 फीट के करीब है। इसको देखते हुए पानी की चोरी आदि को रोकने का विशेष इंतजाम किया जाएगा। इसको लिए उन्होंने अमले को निर्देश दिए है कि टीम द्वारा डेम के पानी का मिसयुज नहीं हो। वहीं नगर पालिका अध्यक्ष श्री राठौर ने पानी की बचत करने और व्यर्थ बहाव रोकने की भी सलाह दी, अल्प बारिश के कारण जलाशयों का जल स्तर घटता जा रहा है। पानी की समस्या का निदान करने के लिए और नियमित रूप से शहरवासियों को पानी की सप्लाई होती रहे इसके लिए नपाध्यक्ष राठौर की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। शहरवासियों के लिए जीवनदायनी सीवन के गहरीकरण और सौंदर्यीकरण के कार्य किया गया था, इसके अलावा जर्जर पाइप लाइन को दुरुस्त करने के लिए पूर्व में करोड़ों रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इस वर्ष अल्प वर्षा के चलते आगामी दिनों में जमुनिया जलाशय और काहिरी बंधान पर पर्याप्त जल भंडारण पर जोर दिया जाना आवश्यक है। शहर के जल स्तर को बनाए रखने के लिए जल प्रदाय व्यवस्था दुरुस्त बनाए रखने के मद्देनजर बंधान में पर्याप्त जल भंडारण की बात कही।


गहरीकरण का असर सीवन नदी लबालब

गर्मी के दिनों में नगर पालिका ने जल संवर्धन योजना के अंतर्गत सीवन नदी के गहरीकरण का कार्य करवाया था, इसका सार्थक असर देखने को मिल रहा है, सीवन नदी लबालब है और इस पानी के कारण क्षेत्रवासियों के बोर आदि रिचार्ज है और जल स्तर में वृद्धि हुई है। सीवन नदी के पानी की चोरी नहीं हो इसका भी इंतजाम किया जाना है। 

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