- मुख्यमंत्री ने परिजनों से मिलकर जताई संवेदना, कालभैरव-विश्वनाथ मंदिर में किया पूजन, नमो घाट पर गंगा आरती का अनौपचारिक शुभारंभ
संगीत जगत की अपूरणीय क्षति
91 वर्ष की आयु में हाल ही में दिवंगत हुए पंडित छन्नूलाल मिश्र भारतीय शास्त्रीय संगीत के उस ऊँचे शिखर पर थे, जहाँ से काशी की सुर-सरिता पूरे विश्व में बहती रही। बनारसी ठुमरी, दादरा और भजन गायन को नई ऊँचाई देने वाले पंडित जी को भारत सरकार ने 2020 में पद्म विभूषण से अलंकृत किया था। उनके निधन से काशी समेत सम्पूर्ण संगीत जगत में शोक की लहर है।
कालभैरव-विश्वनाथ के किए दर्शन
श्रद्धांजलि अर्पण के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कालभैरव मंदिर और श्री काशी विश्वनाथ धाम में विधिवत दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने प्रदेश और देश की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा— बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद ही काशी की पहचान है। यह नगर श्रद्धा, भक्ति और संस्कृति का संगम है।
नमो घाट पर गंगा आरती का अनौपचारिक शुभारंभ
इसके बाद मुख्यमंत्री नमो घाट पहुँचे, जहाँ उन्होंने गंगा आरती का अनौपचारिक शुभारंभ किया। पारंपरिक वाद्य ध्वनियों, मंत्रोच्चार और दीपों की झिलमिल रोशनी में पूरा घाट श्रद्धा के भाव से आलोकित हो उठा। योगी ने कहा— गंगा आरती केवल पूजा नहीं, यह हमारी सनातन संस्कृति का प्रतीक है। काशी की गंगा आरती विश्व स्तर पर आस्था का केंद्र बने, यह हमारा संकल्प है।

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