किशोर ने कहा, ‘‘जद(यू) के भविष्य को समझने के लिए आपको चुनाव विश्लेषक होने की जरूरत नहीं है। पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने चुनावों की घोषणा से कुछ दिन पहले ही बगावत कर दी थी और नीतीश कुमार की पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे जिनमें से कई उम्मीदवार महत्वहीन थे। इससे उनकी (जदयू) की सीट की संख्या घटकर 43 रह गई थी।’’ उन्होंने यह भी दावा किया कि राजग में ‘‘पूरी तरह से अराजकता’’ की स्थिति है और यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि भाजपा किन सीट पर चुनाव लड़ेगी और जद(यू) कहां अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है। किशोर ने कहा, ‘‘ ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन की भी स्थिति बेहतर नहीं है। राजद (राष्ट्रीय जनता दल) और कांग्रेस के बीच कभी न खत्म होने वाला झगड़ा है और कोई नहीं जानता कि राज्य के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी अब भी उनके साथ है या नहीं।’’

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