डॉ. कविता पाठक, निदेशक, जयपुरिया लखनऊ, ने एआई के माध्यम से मार्केटिंग रणनीतियों में हो रहे बदलाव और उपभोक्ता अपेक्षाओं के पुनर्परिभाषण पर एक प्रभावशाली शैक्षणिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। एआई, इनोवेशन और इन्फ्लुएंस पर केंद्रित इस सम्मेलन में RateGain, Nykaa, Vivo, Snap Inc., ClickBrat.Ai, Lentra, LT Foods, Aditya Birla Fashion & Retail Ltd., Punt Partners, Samsung Electronics, Cyfuture, Colorbar Cosmetics, Trent Hypermarket, Radicle, Red FM, Mercer, Canon India, Catalyst Brands India, और Orane Consulting जैसी अग्रणी संस्थाओं के वरिष्ठ पेशेवरों और निर्णयकर्ताओं ने भाग लिया। नेहा जॉली साहनी, हेड – एडवरटाइजिंग सॉल्यूशन्स, Snapchat, ने कहा: “यह राउंड टेबल अकादमिक जगत और उद्योग के बीच मुक्त और ईमानदार संवाद के लिए एक ताज़गीभरा मंच था। ऐसे संवाद दोनों क्षेत्रों को जोड़ने और साझा चुनौतियों के समाधान में बेहद महत्वपूर्ण हैं।” हेमा गुलाटी, नेशनल हेड – ट्रेनिंग एंड विजुअल मर्चेंडाइजिंग, Nykaa, ने कहा: “ऐसे सम्मेलन नेटवर्किंग और विचार-विनिमय के लिए अद्वितीय अवसर प्रदान करते हैं। समान सोच रखने वाले पेशेवरों के साथ मिलकर नए विचारों पर मंथन करना अत्यंत प्रेरणादायक होता है।” राजेश कुमार, चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, Lentra, ने कहा: “उद्योग के नेताओं को एक साथ लाने और शिक्षण पद्धतियों को पुनः कल्पित करने का यह जयपुरिया का उत्कृष्ट प्रयास है। यह पहल साझा अधिगम को बढ़ावा देती है और अकादमिक–उद्योग संबंधों को मजबूत करती है।”
शैक्षणिक विचार-विमर्श और प्रमुख निष्कर्ष
जयपुरिया के फैकल्टी चेयरों द्वारा संचालित समानांतर राउंड टेबल चर्चाओं में मार्केटिंग में एआई के विविध आयामों जैसे प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स, एआई-जनरेटेड अवतार, स्वचालन की नैतिकता, गोपनीयता और ब्रांड प्रामाणिकता पर विचार किया गया। डॉ. सुभाज्योति रे, निदेशक, जयपुरिया नोएडा, और डॉ. दानेश्वर शर्मा, निदेशक, जयपुरिया जयपुर, ने शैक्षणिक नवाचार, नैतिक एआई अपनाने और भविष्य के लिए तैयार पाठ्यक्रम सह-निर्माण पर अपने विचार साझा किए। जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अपने पाठ्यक्रम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के एकीकरण में अग्रणी रहा है। उद्योग–शैक्षणिक सहयोग के माध्यम से संस्था उद्योग में एआई के प्रभाव को गहराई से समझती है और छात्रों को इस बदलते डिजिटल युग में नेतृत्व के लिए तैयार करती है। सभी प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से इस बात पर जोर दिया कि शैक्षणिक संस्थानों को न केवल तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखना चाहिए, बल्कि नवाचार को सीखने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बनाकर अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें