वाराणसी : झूलेलाल की अवमानना पर सिंधी समाज में आक्रोश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 10 नवंबर 2025

वाराणसी : झूलेलाल की अवमानना पर सिंधी समाज में आक्रोश

  • अमर नगर से निकली विरोध यात्रा, ADG कार्यालय में सौंपा गया ज्ञापन, आस्था पर चोट स्वीकार नहीं — समाज

Jhulelal-varanasi
वाराणसी (सुरेश गांधी)। भगवान श्री झूलेलाल और सिंधी समाज की धार्मिक मान्यताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के विरोध में सोमवार को वाराणसी के सिंधी समाज ने एकजुट होकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। अमर नगर स्थित पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत समाज के कार्यालय से विशाल विरोध यात्रा निकाली गई, जो सिगरा, मलदहिया और नदेसर होते हुए अपर पुलिस महानिदेशक कार्यालय पहुँची, जहाँ समाज की ओर से कठोर कार्रवाई की मांग का ज्ञापन सौंपा गया। समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि भगवान श्री झूलेलाल सिंधी समाज की पहचान, संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना के केंद्र हैं। उन पर किसी भी प्रकार की अवमाननापूर्ण टिप्पणी न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करती है, बल्कि सामाजिक सद्भावना और मर्यादा को भी ठेस पहुँचाती है। समाजजन ने इसे आस्था और संस्कृति पर सीधी चोट बताते हुए कहा कि यह केवल एक टिप्पणी का मामला नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता को चुनौती देने का प्रयास है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि समाज शांतिपूर्ण है, परंतु धर्म और सम्मान पर आघात सहन नहीं करेगा.


अमर नगर से ADG कार्यालय तक शांतिपूर्ण विरोध यात्रा

दोपहर बड़ी संख्या में समाजजन अमर नगर में एकत्र हुए। पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत समाज की अगुवाई में विरोध यात्रा प्रारंभ हुई। मार्ग में लोग भगवान झूलेलाल के जयकारे, “झूलेलाल की जय, सांई झुलेलाल की जय” के उद्घोष के साथ आगे बढ़ते रहे। यात्रा सिगरा, मलदहिया और नदेसर चौराहों से गुजरते हुए लगभग एक घंटे में ADG कार्यालय पहुँची। समाज के प्रतिनिधि मंडल ने अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी परिक्षेत्र के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ” कार्यक्रम में शंकर विशनानी, राजेश रूपानी, सुरेंद्र लालवानी, रवि घावरी, मोहन बदलानी, जितेंद्र लालवानी, सुमित धमेजा, श्रीचंद पंजवानी, नरेश मेघानी, कमल हरचानी, सुरेश वाद्य, राजू लखानी, सोहन डोडवानी, शिव होतवानी, रमेश वधावन, चंदन रामरख्यानी, अमर प्रधानी, नरेश बढ़ानी, दिलीप आहूजा, प्रदीप वीरानी, दिलीप जस्लानी, जगदीश शादेजा, सुनील वाद्या, हिमांशु करदा, अधिवक्ता संजय लालवानी, अजय रूपेजा, कालू तलरेजा, रमेश कुकरेजा, जय लालवानी सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे।


ज्ञापन में यह प्रमुख माँगें रखी गईं

1. विवादित टिप्पणी करने वाले आरोपी के खिलाफ शीघ्र एवं कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।

2. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले मामलों में संवेदनशीलता तथा तत्काल हस्तक्षेप की नीति लागू की जाए।

3. सोशल मीडिया पर धार्मिक व्यक्तित्वों या समुदाय विशेष पर अभद्र टिप्पणी रोकने हेतु निगरानी और कड़े दिशानिर्देश जारी किए जाएँ।


समाज पदाधिकारियों ने कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह प्रवृत्ति अन्य समुदायों में भी फैल सकती है, जिससे सामाजिक शांति और पारस्परिक सम्मान पर गंभीर खतरा उत्पन्न होगा।


समाज की पीड़ा — “यह विरासत का प्रश्न है”

समाज के वक्ताओं ने कहा कि सिंधी समाज ने देश के हर कोने में व्यापार, शिक्षा, सेवा और राष्ट्रीय एकता के मूल्यों के साथ कार्य किया है। विस्थापन के बाद सिंधी समाज ने अपने देव, परंपराएँ और उत्सवों को अत्यंत स्नेह के साथ सँजोया है। इसलिए भगवान झूलेलाल पर की गई अपमानजनक टिप्पणी को सांस्कृतिक अस्तित्व पर हमला माना गया। एक वरिष्ठ समाजसेवी ने कहा — हम लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं, विचार की उस प्रवृत्ति से है, जो धर्मों को अपमानित करके समाज में वैमनस्य फैलाना चाहती है।


शांति हमारी पहचान, पर धर्म हमारी आत्मा : चन्दन रुपानी

सिंधी समाज ने अपने वक्तव्य में दोहराया कि विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और आगे भी कानून की प्रक्रिया के तहत ही आवाज उठाई जाएगी। लेकिन समाज यह भी स्पष्ट कर चुका है कि — “धर्म, परंपरा और सम्मान पर आघात किसी भी रूप में स्वीकार नहीं है.

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