- हिन्दू है अहिंसा सर्वोपरी है किंतू अपने धर्म पर बात आए और शस्त्र उठाने पड़े तो हिंसा सही है : प्रज्ञा विष्णू प्रिया
उन्होने श्रीमद भागवत कथा प्रसंग सुनाते हुए कहा कि कलयुग आ चुका है कलयुग में एक गुण है कलयुग के पास एक वरदान है कि जो व्यक्ति कलयुग में भगवान का नाम जप करेगा नाम से मोक्ष प्राप्त कर लेगा। कलयुग में भगवान की कथा है कीर्तन है सब भजन कर खूब आनंदित होते है। हम स्वर्ग को ज्यादा अच्छा समझते, आप कहां जाना चाहते मृत्यु के बाद पहले जवाब सबका स्वर्ग ही होता है लेकिन भगवान और भक्ति केवल पृथ्वी पर ही प्राप्त की जा सकती है। भागवत कथा पूरवजों को भी तार देती है। उन्होने कहा कि राजा परीक्षित को मृत्यु का श्राप था उनका उद्धार भागवत कथा ने हीं किया। यह शरीर ठाकुर जी का है शरीर से ठाकुर जी की पहले सेवा करें आज व्यक्ति इसी शरीर के भोग में कई प्रकार के पाप कर रहे हैं लेकिन सेवा नहीं कर रहे जबकी ठाकुर जी ने व्यक्ति को नेत्र प्रदान किए है जिस से भगवान का सुंदर दर्शन कर सके किंतू व्यक्ति दर्शन तो कम कर रहा है लेकिन बाकी सारी गलत चीजों को ज्यादा देख रहा है। हाथ ठाकुर जी ने दिए थे सेवा के लिए उसी हाथ से गलत किया जा रहा है। ठाकुर जी ने भजन सूनने के लिए कान दिए लेकिन कानों से व्यक्ति निंदा चुगली सुन रहा है। सुश्री प्रज्ञा विष्णु प्रिया ने कहा कि धन कमाओ पर अच्छे कार्य करके कमाओ गलत कार्य कभी नहीं करना गलत प्रकार से धन कमाया है तो वह नष्ट होगा ही। जो लोग जुआ खेलते उनका परिवार परेशान होता है। जो पराई स्त्री पर दृष्टि रखता है पराई स्त्री पर जो बुरी दृष्टि डालता है उसमें भी कलयुगक वास है और जो स्त्री परपुरुष पर बुरी नजर डलती है उस पर भी कलयुग का वास होता है इसीलिए हम हर बार कहते हैं अपने से बड़े जो भी है सब को पिता मानो सब को माता मानो आपके बराबर के है सबको भाई बहन मानो। उन्होने कहा कि हिंसा आजकल सब कर रहे छोटी-छोटी बात पर कोधित हो जाते हैं जाने क्या-क्या लेकर आ जाते है नारने को ऐसी हिंसा से बचो हिंसा नहीं करनी चाहिए।

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