- माता अनसूईया ने पतिव्रताधर्म से त्रिदेवों को भी शिशु बना दिया था : प्रज्ञा विष्णु प्रिया
- शहर के सिंधी कालोनी मैदान पर शिव शक्ति सांस्कृतिक मंडल के द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा का तीसरा दिन
अहंकार व्यक्ति को कर देता है समाप्त
उन्होने अहंकार से बचने और प्रभूनाम जपने के लिए श्रोताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि प्रजापति दक्षक को भी अहंकार हो गया था देखा गया है की जोभी ऊचे पद पर होता है अहंकार का शिकार होकर अन्याय अत्याचार करने लगता है। माता सती के पिता प्रजापति ऊंचे पद पर है ऊंचे पद पर होने से वह भगवान शंकर से घ्रणा करते है लेकिन साक्षात माता शक्ति की अवतार माता सती शंकर बाबा को पति के रूप में स्वीकार करती है। पिता प्रेम में पति के मना करने पर भी प्रजापति दक्षक की पुत्री माता सती महायज्ञ में पहुंच जाती है और पति का अपमान सुनकर स्वयं ही स्वाह हो जाती है। भगवान शंकर ने अपने अंश से महायज्ञ को नष्टकर अहंकारी राजा प्रजापति दक्षक को भी मृत्यु लोक भेज दिया था अहंकार व्यक्ति को समाप्त कर देता है।
श्रद्धालुओं को भक्ति के लिए किया प्रेरित
सुश्री प्रज्ञा विष्णु प्रिया ने कहा कि अगर ठाकुरजी ने आपको कुछ विशेष दिया है तो उसका अहंकार नहीं होना चाहिए। दक्ष ने बाबा भोलेनाथ को भगवान नहीं माना, देवता नहीं माना और जो लोग बाबा भोलेनाथ की पूजा करते थे दक्ष प्रजापति उन्हे जेल में डाल देता था। प्रजापति दक्ष जहां किसी को भी बाबा भोलेनाथ की पूजा करते देखता था तो उनको रोकता था लेकिन सेवा करने वाले भी कम नहीं होते है बाबा भोलेनाथ की पूजा करके ही मानते है। विभिन्न कथा प्रसंगों के मध्यम से सुश्री ने श्रद्धालुओं को भगवान की भक्ति करने के लिए प्रेरित किया।
विशिष्ठजनों ने किया कथा का श्रवण
कथा में पंडाल में मधुर भजनों पर श्रद्धालुजन नाचते भजन गाते हुए दिखाई दिए विधायक सुदेश राय सहित अन्य विशिष्ठजनों ने कार्यक्रम में पहुंच कर श्रीमदभागवत का श्रवण किया। आयोजक मंडल के मनोज शर्मा, प्रीति सोनी, ममता शर्मा, शंकरलाल शर्मा, संतोष वर्मा, विशाल बैरागी आदि ने विधायक राय का स्वागत किया। शिव शक्ति सांस्कृतिक मंडल की ममता शर्मा ने बताया कि प्रतिदिन कथा में महिलाओं के द्वारा विशेष परिधान पहने जा रहे है। विशेष प्रसाद का वितरण भी किया जा रहा है। श्रीमदभागवत कथा प्रतिदिन दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक हो रही है।

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