- परिजन साथ नहीं निभाते है,स्वयं को ही बुरे कर्मो का फल होता है भुगतना
- मगरमछ ने कुकर्र्मी गजेंद्र का पेर जकड़ लिया तो कोई बचाने नहीं आया : प्रज्ञा विष्णु प्रिया
सुश्री प्रज्ञा विष्णु प्रिया ने कहा कि मृत्यु का कोई भरोसा नहीं है कब आ जाए इस लिए संसार के लिए नहीं ठाकुरजी के लिए रो लेना चाहिए। दुख आए तो समझ लेना की ठाकुरजी लीला कर रहे है भक्ति को जगा रहे है सही मार्ग दिखा रहे है ठाकुरजी हर इच्छा पूरी करते है विश्वास कर के देख लीजिए। ठाकुर जी की लीला के आगे आप की हमारी क्या इच्छा चलती है। अच्छे के लिए करते हो तो आपको अच्छा ही परिणाम मिलेगा और बुर कर दिया तो रिजाल्ट भी नेगिटिव ही आएगा। गजेंद्र के लिए कोई प्राण देने को तैयार नही था गजेंद्र का पूरा परिवार दूर हो गया था इस लिए ठाकुर जी को परिवार से ऊपर रखो किसी का भरोसा नहीं है तो भी मृत्यु कब हो जाएगी पता भी नहीं चलेगा। हमें सच में कोई प्रेम करता है लेकिन कब तक साथ है निभाएगा या फिर टुकडे कर देगा। अंतिम समय में गजेंद्र ने भगवान को याद कर लिया। करुणा निधान के लिए अर्ध रात्रि में भगवान के पास जाकर माता लक्ष्मी ने कहा भक्त पुकार रहा है मदद कीजीए प्रभु के सारे पार्षद रक्षा के लिए आ गए। सुश्री प्रज्ञा विष्णु प्रिया ने कहा कि भक्त की रक्षा के लिए भगवान स्वयं चले आते है। अगर भक्ति नहीं है तो कथा में आनंद कहां से आएगा लेकिन हमें इस कथा में भी आनंद लेना है हमें ठाकुर जी के भजन में भी आनंद लेना है। गजेंद्र को ठाकुर जी कहते हैं कि तुमने मुझे पुकारा तो तुम मेरे भक्त हुए तुमने मुझे पुकारा इसीलिए मैंने तुम्हें अपना लिया। प्रभु भक्तों पर कृपा करते है। कथा में पंडाल में मधुर भजनों पर श्रद्धालुजन नाचते भजन गाते हुए दिखाई दिए आयोजक मंडल के मनोज शर्मा, प्रीति सोनी, ममता शर्मा, शंकरलाल शर्मा, संतोष वर्मा, विशाल बैरागी ने बताया कि प्रतिदिन कथा में महिलाओं के द्वारा विशेष परिधान पहने जा रहे है। विशेष प्रसाद का वितरण भी किया जा रहा है। श्रीमदभागवत कथा प्रतिदिन दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक हो रही है।

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