युवा मोर्चा की टीम यथावत रखने का निर्णय
बैठक में यह भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अखिल भारतीय धानुक एकता महासंघ, बिहार पूर्व युवा मोर्चा की मौजूदा टीम को यथावत रखा जाएगा। युवा मोर्चा के अध्यक्ष राजेश मंडल और उनकी टीम के सदस्य आदित्य मंडल सहित सभी पदाधिकारी पूर्ववत कार्य करते रहेंगे। यह भी तय हुआ कि भविष्य में युवा मोर्चा या प्रदेश स्तर पर किसी भी प्रकार का संगठनात्मक परिवर्तन केवल नव-निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष की अनुमति से ही किया जाएगा।
प्रदेश पदाधिकारियों का पुनर्गठन
इस बैठक में बिहार प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों के पुनर्गठन की औपचारिक प्रक्रिया भी सम्पन्न की गई। इसमें बिहार के विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, बेगुसराय, समस्तीपुर सहित कई जिलों के प्रतिनिधि प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित थे, जबकि छपरा, पटना से कुछ सदस्य ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। इस व्यापक सहभागिता ने बैठक को राज्य स्तरीय स्वरूप दिया और संगठन की जमीनी मजबूती को रेखांकित किया। बैठक को संबोधित करते हुए डॉ० नारायण मंडल ने कहा कि अखिल भारतीय धानुक एकता महासंघ सामाजिक एकता, शिक्षा, सांस्कृतिक जागरूकता और राजनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से लगातार काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि संगठन की मजबूती लोकतांत्रिक प्रक्रिया और सर्वसम्मति से लिए गए निर्णयों में निहित है। फ़िल्मकार एन. मंडल ने कहा कि अखिल भारतीय धानुक एकता महासंघ का विज़न एक संगठित, शिक्षित, आत्मनिर्भर और सम्मानित धानुक समाज का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि बिहार में संगठन के विस्तार और मजबूती के लिए युवाओं की भूमिका निर्णायक है। उन्होंने नव-निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा कि सियाराम मंडल जैसे अनुभवी, शिक्षित और समाज के प्रति समर्पित नेतृत्व से संगठन को नई दिशा और नई ऊर्जा मिलेगी। यह नेतृत्व संगठन को वैचारिक रूप से सशक्त और सामाजिक रूप से प्रभावी बनाएगा। एन. मंडल ने इस अवसर पर संगठनात्मक जागरूकता और जनसंपर्क के लिए दो विशेष गीतों की भी घोषणा की और सुझाव दिया कि इन्हें महासंघ के अभियानों में आधिकारिक रूप से अपनाया जाए।
उन्होंने एकता महासंघ के लिए “धानुक एकता थीम सॉन्ग” प्रस्तुत करते हुए कहा
“धानुक की शान — एकता हमारी जान,
हाथ में हाथ लेकर बढ़ें नया अरमान।
एक आवाज़, एक पहचान,
धानुक समाज — भारत की शान!”
साथ ही उन्होंने ‘धानुक जोड़ो यात्रा’ अभियान के लिए विशेष गीत दिया
“धानुक जोड़ो यात्रा आई — एकता का पैग़ाम लाई,
गांव-गांव चले ये कारवां — नई पहचान लाई!”
उन्होंने कहा कि ऐसे गीत समाज में भावनात्मक जुड़ाव, संगठनात्मक ऊर्जा और युवाओं में प्रेरणा पैदा करते हैं। इसलिए इन्हें औपचारिक रूप से अपनाकर यात्राओं, सभाओं और अभियानों में प्रयोग किया जाना चाहिए, ताकि संगठन की आवाज़ गांव-गांव तक पहुंचे और समाज में एकता का भाव मजबूत हो। उन्होंने अंत में कहा कि सांस्कृतिक माध्यमों से सामाजिक आंदोलन को जोड़ना ही स्थायी संगठन निर्माण की कुंजी है, और धानुक समाज को इसी मार्ग पर आगे बढ़ना चाहिए। नव-निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष सियाराम मंडल ने अपने संबोधन में कहा कि वे संगठन की जिम्मेदारी को सेवा और समर्पण के भाव से निभाएंगे। उन्होंने शिक्षा, संगठनात्मक अनुशासन और समाज के अधिकारों की लड़ाई को अपनी प्राथमिकता बताया और सभी जिलों में संगठन को मजबूत करने का आह्वान किया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बिहार प्रदेश स्तर पर संगठन की शेष कार्यकारिणी — जैसे उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव, कोषाध्यक्ष और महिला विंग सहित विभिन्न प्रकोष्ठों की नियुक्ति — शीघ्र ही की जाएगी। नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि आगामी नियुक्तियों में महिलाओं और सभी जिलों को समुचित प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया जाएगा, जिससे संगठन वास्तव में समावेशी और जमीनी स्तर पर मजबूत बन सके। इस अवसर पर प्रमुख रूप से डॉ० नारायण मंडल, एन. मंडल, सियाराम मंडल, सुभाष मंडल, बैधनाथ मंडल, राजेश मंडल, आदित्य राज, अमित मंडल, पवन मंडल, कृष्ण देव कुमार, प्रशांत कुमार, रामनारायण मंडल सहित अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी और बड़ी संख्या में धानुक समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे। छोटाईपट्टी की यह बैठक केवल एक औपचारिक चुनाव नहीं थी, बल्कि यह संगठन की लोकतांत्रिक परंपरा, आपसी विश्वास और सामाजिक एकजुटता का प्रतीक बनी। सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष का चयन और संगठन का शांतिपूर्ण पुनर्गठन यह दर्शाता है कि अखिल भारतीय धानुक एकता महासंघ बिहार में एक संगठित, अनुशासित और उद्देश्यपूर्ण सामाजिक आंदोलन के रूप में आगे बढ़ रहा है।

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