- मनुष्य में मानवता तब है जब वह दूसरे का दर्द समझ सके : डाॅ. रोहिताश्व कुमार शर्मा
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सीहोर, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री काॅलेज आफ एक्सीलेंस चन्द्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सीहोर भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ एवं शासकीय विधि महाविद्यालय, सीहोर द्वारा संयुक्त रूप से एक सार्थक एवं प्रभावपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन 10 दिसम्बर 2025 को किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं जनभागीदारी अध्यक्ष श्री सुदीप प्रजापति ने मानवाधिकारों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के समय में मानवाधिकार केवल अधिकार नहीं, बल्कि सामाजिक सामंजस्य और न्यायपूर्ण व्यवस्था की आधारशिला हैं। मुख्य वक्ता एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. रोहिताश्व कुमार शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि “मनुष्य में मानवता तभी है जब वह दूसरे का दर्द समझ सके।” उन्होंने मानवाधिकारों को मात्र विधिक प्रावधान न मानकर एक संवेदनशील सामाजिक एवं मानवीय जिम्मेदारी बताया। कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित जिला लीगल एड अधिकारी श्री जीशान खान ने मानवाधिकार संरक्षण, विधिक सहायता तंत्र तथा संवैधानिक कर्तव्यों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों को न्यायिक जागरूकता बढ़ाने, समाज में समानता स्थापित करने तथा अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति सजग रहने का संदेश दिया। विधि महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से मानव अधिकारों को समझाया। कार्यक्रम का संचालन शासकीय विधि महाविद्यालय, सीहोर के प्रभारी प्राचार्य श्री राजकुमार साहू एवं कार्यक्रम का संयोजन श्री दुष्यंत कौल द्वारा किया गया। दोनों महाविद्यालयों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायी एवं चिंतनशील सिद्ध हुआ। मानवाधिकारों की गरिमा, समानता और न्याय के मूल्यों को जीवन में अपनाने का संकल्प लेते हुए कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ।
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