- धर्म और राष्ट्र दोनों ही लोगों को एक साझा इतिहास-संत दुर्गा प्रसाद कटारे

सीहोर। धर्म और राष्ट्र दोनों ही लोगों को एक साझा इतिहास, संस्कृति और मूल्यों से जोड़ते हैं, जिससे अपनेपन की भावना पैदा होती है। आज क्षेत्र के हर व्यक्ति को सनातन धर्म से जोड़ने का सिलसिला चल रहा है। कुछ लोग मानते हैं कि प्रेम, करुणा, न्याय और समानता जैसे सार्वभौमिक मानवीय मूल्य वास्तव में सभी विभाजनों को पार करके लोगों को एकजुट कर सकते हैं। शहर के बस स्टैंड पर बालाजी मंदिर की तर्ज पर भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। उक्त विचार बुधवार को मंदिर में समिति के संरक्षक श्री-श्री 108 पंडित दुर्गाप्रसाद कटारे ने कहे। उन्होंने बताया कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भगवान हनुमान हिंदू देवता जिन्हें संकट मोचन माना जाता इसी का रूप अब करोड़ों रुपए की लागत से शहर के बस स्टैंड पर श्री सिद्ध हनुमान मंदिर प्रसिद्ध होने जा रहा है। करीब पांच करोड़ से बनाए जाने वाले हनुमान मंदिर में 2026 में राजस्थान से लाखों रुपए से मंगाई गई जहां पर हनुमान जी के साथ ही भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और जानकी की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर देश भर के प्रसिद्ध संतों का समागम होगा। मंदिर में समिति के संरक्षक श्री-श्री 108 पंडित दुर्गाप्रसाद कटारे, समिति के अध्यक्ष रुद्र प्रकाश राठौर, मंदिर के पुजारी अनिल शास्त्री, संस्कार मंच की ओर से मनोज दीक्षित मामा आदि शामिल थे। इस मंदिर की सात दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन हनुमान जयंती के पावन अवसर पर किया जाएगा। जनवरी तक मंदिर परिसर पूर्ण हो जाएगा, इसके उपरांत सात दिवसीय भव्य प्राण-प्रतिष्ठा के लिए प्रसिद्ध धर्म आचार्यों की उपस्थित में भव्य आयोजन को पूर्ण किया जाएगा।
हिंदू समाज को मजबूत करना
उन्होंने कहा कि हमारे ब्रह्मलीन पिता श्री द्वारा करीब 232 से अधिक मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा चुका है और हमारे द्वारा भी अब तक 88 से अधिक मंदिरों के जीर्णोद्धार के साथ प्राण-प्रतिष्ठा हो चुकी है और करीब 12 मंदिर निर्माणाधीन है। इन मंदिरों में शहर का हनुमान मंदिर करीब 60 वर्ष पूर्व ब्रह्मलीन सूरदास महाराज मनोहर दास द्वारा निर्मित किया गया था, जो दयनीय स्थिति में था, लेकिन अब राजस्थान से मंगवाए पत्थरों की नक्काशी से मंदिर अपने दिव्य स्वरूप में झलक रहा है। हमारा उद्देश्य हिंदू समाज को मजबूत करना है। इसके अलावा हिंदू जीवन दर्शन और आध्यात्म की रक्षा, संवर्दधन और प्रचार, विदेशों में रहने वाले हिंदूओं से तालमेल रखना, हिंदू और हिंदूत्व की रक्षा के लिए उन्हें संगठित करना है। धर्म उन लोगों की रक्षा करता है जो इसकी रक्षा करते है। इसलिए आप सभी सहयोग करे। अब तक पांच करोड़ रुपए क्षेत्रवासियों और श्रद्धालुओं ने प्रदान किए है और आगे भी सहयोग मिलता रहेगा।
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