मधुबनी : किशोर न्याय अधिनियम एवं बिहार किशोर न्याय नियमावली पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


बुधवार, 3 दिसंबर 2025

मधुबनी : किशोर न्याय अधिनियम एवं बिहार किशोर न्याय नियमावली पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला

Kishore-nyas-board-training
मधुबनी (रजनीश के झा)। जिला बाल संरक्षण इकाई, मधुबनी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मधुबनी के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनांक 03 दिसंबर 2025 को “किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं बिहार किशोर न्याय नियमावली 2017” विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मधुबनी जिले के सभी थानों के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य, चाइल्ड हेल्पलाइन के कर्मी, एसएसबी के प्रतिनिधि, उत्पाद विभाग एवं रेल सुरक्षा बल के प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रतिभागियों को किशोर न्याय से संबंधित विधिक प्रावधान, संरक्षणात्मक प्रक्रियाएँ, केस हैंडलिंग, बाल अधिकार एवं संवेदनशील व्यवहार के विभिन्न आयामों पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर प्रशिक्षक के रूप में माननीय मुख्य दंडाधिकारी, मधुबनी  प्रमोद कुमार महथा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण  संदीप चैतन्य, प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट, किशोर न्याय परिषद  अंकित आनंद, सहायक निदेशक  नितेश कुमार पाठक एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी  अजय कुमार उपस्थित रहे। प्रशिक्षकों ने किशोर संरक्षण के क्षेत्र में कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन, विभिन्न एजेंसियों के समन्वय तथा संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने पर विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यक्रम का उद्देश्य कानून से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मियों को अद्यतन कानूनी प्रावधानों से अवगत कराना एवं बच्चों से जुड़े मामलों में और अधिक प्रभावी एवं संवेदनशील दृष्टिकोण विकसित करना था।

कोई टिप्पणी नहीं: