- मैथिली भाषा में शपथ लेकर इसके विकास के प्रति विधायकों की निष्क्रियता दुर्भाग्यपूर्ण।

मधुबनी (रजनीश के झा)। मिथिला लोकतांत्रिक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज झा ने मातृभाषा मैथिली के विकास को लेकर जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने इस विंदु को चिंताजनक बताते हुए कहा है कि नव निर्वाचित विधायक एवं सांसद लोग एक तरफ तो अपनी मातृभाषा मैथिली में शपथ ग्रहण करते हैं वहीं दूसरी ओर इस भाषा के वास्तविक विकास व इसे रोजगारपरक बनाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं कर पाते हैं। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत केन्द्र सरकार द्वारा देश भर में प्राथमिक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा में कराए जाने की घोषणा की गई थी। जिससे मातृभाषा के माध्यम से प्राथमिक विद्यालयों में पढाई प्रारंभ होने का मार्ग भी प्रशस्त हुआ था। लेकिन राज्य सरकार की उदासीनता से अब तक इसे मूर्तरूप नहीं दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्राथमिक विद्यालयों में मातृभाषा माध्यम से पठन-पाठन शुरु होने से छात्रों के अंदर अपने तमाम विषयों की पढ़ाई को समझने की क्षमता बढ़ेगी और शिक्षा में उनका सहज विकास होगा। मिथिला लोकतांत्रिक मोर्चा के अध्यक्ष मनोज झा ने चिंता जताते हुए कहा है कि राज्य भर के प्राथमिक विद्यालयों खास कर ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों द्वारा पठन-पाठन की भाषा को बच्चों द्वारा नहीं समझ पाने के कारण लाखों बच्चे स्कूल से ड्रॉप आउट कर जाते हैं और विद्यालय जाने के प्रति उनकी अभिरुचि स्वतः समाप्त हो जाती है जो एक गंभीर समस्या है। उन्होंने जोर देकर कहा है कि प्राथमिक विद्यालयों में विभिन्न विषयों की जानकारी अगर बच्चे को उनकी मातृभाषा में दिया जाय तो बच्चों की पढ़ाई छोड़ने वाली समस्या से निजात पाया सकता है जिसे शिक्षा विज्ञान के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनेस्को भी मानती है कि बच्चे अपनी मातृभाषा में अपने विषय को जल्दी सीखते हैं इसलिए इसे राज्य भर के प्राथमिक विद्यालयों में अनिवार्य रुप से लागू किया जाय।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें