पटना (रजनीश के झा)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में दिनांक 15 दिसंबर 2025 को पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “बदलते जलवायु परिदृश्य में मोटे अनाज की खेती” का शुभारंभ हुआ। यह प्रशिक्षण कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा), किशनगंज द्वारा प्रायोजित है, जिसमें किशनगंज जिले के विभिन्न प्रखंडों से 15 किसान भाग ले रहे हैं। उद्घाटन सत्र में किसानों को संबोधित करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने कहा कि मोटे अनाज (कदन्न) कम पानी और सीमित संसाधनों में उगाई जाने वाली फसलें हैं, जो प्रति बूंद अधिक उत्पादन के सिद्धांत को साकार करती हैं। उन्होंने बताया कि कदन्न फसलों को अपनाने से फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलता है, उत्पादन लागत घटती है तथा किसानों की आय में वृद्धि होती है। डॉ. दास ने कहा कि कदन्न खेती पर्यावरण संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य सुधार और सतत कृषि के लिए अत्यंत उपयोगी है। मोटे अनाज को सुपर फूड बताते हुए उन्होंने कहा कि ये फसलें पोषण सुरक्षा के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के परिदृश्य में किसानों के लिए एक सुरक्षित एवं लाभकारी विकल्प हैं।
मंगलवार, 16 दिसंबर 2025
पटना : पाँच दिवसीय “बदलते जलवायु परिदृश्य में मोटे अनाज की खेती” प्रशिक्षण का शुभारंभ
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