सीहोर : नानी बाई का मायरा का भव्य आयोजन, उमड़ा आस्था का सैलाब - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


गुरुवार, 25 दिसंबर 2025

सीहोर : नानी बाई का मायरा का भव्य आयोजन, उमड़ा आस्था का सैलाब

  • चमत्कार नहीं भक्ति पर विश्वास करो, तभी ईश्वर के दर्शन होंगे : आचार्य पंडित संजय कृष्ण त्रिवेदी

Nai-bai-samaj-sehore
सीहोर। जहां चमत्कार है, वहां पर भक्ति नहीं, आप जब भक्ति पर विश्वास करते है तो आपका जीवन सफल होता है और सच्ची श्रद्धा के बल पर ही भगवान के दर्शन होते है। सच्ची भक्ति आंतरिक आस्था और विश्वास पर आधारित होती है, न कि बाहरी चमत्कारों या भौतिक साक्ष्यों पर। इसका निहितार्थ यह है कि जब कोई व्यक्ति भक्ति के लिए चमत्कार की तलाश करता है, तो उसका ध्यान ईश्वर या आराध्य के प्रति समर्पण से हटकर अलौकिक घटनाओं को देखने या अनुभव करने पर केंद्रित हो जाता है। उक्त विचार शहर के छावनी स्थित कुईया गार्डन में जारी तीन दिवसीय नानी बाई का मायरा के अंतिम दिवस आचार्य पंडित संजय कृष्ण त्रिवेदी ने कहे। उन्होंने कहाकि हम सिर्फ कर्म और भक्ति कर ही भगवान के कृपा प्राप्त हो सकते है। इसलिए उसकी कृपा और उसकी दया के लिए कर्म और भक्ति का मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। नानी बाई का मायरा कथा के माध्यम से भगवान ने मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य नहीं खोने की शिक्षा दी हैं क्योंकि आज कलयुग में मनुष्य की सहन शक्ति खत्म होती जाती हैं। लोग छोटे से दुख और बात पर अपने जीवन को समाप्त करने को तैयार हो जाते हैं। जिस प्रकार भक्त नरसी ने सैकड़ों दु:खो को सहन करने के बावजूद भी अपना धैर्य नहीं खोया और स्वयं भगवान ने धरती पर आकर नानी बाई के यहां करोड़ों का मायरा भरा। 

कोई टिप्पणी नहीं: