- पुलिस कॉलोनियों में बच्चियों के टीकाकरण का दिया सख्त निर्देश, सरस्वती बालिका विद्या मंदिर के नवीन भवन का किया लोकार्पण
- एसआईआर मुद्दे पर बोलीं राज्यपाल— घुसपैठियों की पहचान में सहयोग करें, विरोध न करें
- बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास को बताया राष्ट्र निर्माण की नींव
राज्यपाल सोमवार को शहर के सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। यहाँ उन्होंने विद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण किया और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व महिलाओं को पोषण किट वितरित कर सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को सम्मानित किया। अपने संबोधन में राज्यपाल ने आंगनबाड़ी व्यवस्था पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, "शून्य से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र सबसे अहम आधार हैं। विडंबना है कि अधिकारियों के भवन और विश्वविद्यालयों में तो तमाम सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन जहां छोटे बच्चे पढ़ते हैं, वहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहा।" उन्होंने बताया कि 2019 में पदभार संभालने के बाद उन्होंने जब निरीक्षण किया, तो हकीकत सामने आई। इसके बाद 'जनसहयोग' से आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने की मुहिम शुरू की गई, जिसके तहत अब तक 50 हजार केंद्रों में आवश्यक संसाधन पहुंचाए जा चुके हैं। राज्यपाल ने मंच से पुलिस महानिदेशक और पुलिस अधीक्षक को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी 24 घंटे जनता की सुरक्षा में तैनात रहते हैं, ऐसे में उनके परिवारों की चिंता करना समाज और सरकार का फर्ज है। उन्होंने निर्देश दिया कि पुलिस कॉलोनियों का तत्काल सर्वे कराया जाए और वहां रहने वाली 9 से 15 वर्ष की बच्चियों की सूची तैयार हो। इन बच्चियों को प्राथमिकता के आधार पर सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीन लगाई जाए। इसके अलावा, उन्होंने जिलाधिकारी से सरस्वती विद्या मंदिर और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों की छात्राओं को भी जनसहयोग के माध्यम से यह टीका लगवाने का आग्रह किया, ताकि बेटियां कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से सुरक्षित रह सकें। वहीं एसआईआर के मुद्दे पर लोगों से कहा कि एसआईआर प्रक्रिया में लोग सहयोग करें ताकि देश में घुसे घुसपैठियों को बाहर निकाला जा सके और सरकार के इस मुहिम का लोग हिस्सा बनें और इस प्रक्रिया का विरोध न करें। इस सबके साथ ही राज्यपाल ने जेल में बंद किशोरियों एवं अन्य बंदियों के पक्ष में हिमायती पाठ पढ़ते हुए बच्चियों को विशेष रूप से शैक्षिक और स्किल बनाने की खुली अपील की तथा 21 साल से पहले शादी करने को इनकार करने की बात कही है।

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