नया साल जब दस्तक देता है, तो वह केवल कैलेंडर का पन्ना नहीं पलटता, बल्कि मनुष्य के भीतर उम्मीदों, आशंकाओं और संकल्पों का नया अध्याय खोलता है। हर बीतता वर्ष कुछ यादें छोड़ जाता है, कुछ ऐसी जिन्हें भुला पाना आसान होता है और कुछ ऐसी जो निगाहों में हमेशा के लिए दर्ज हो जाती हैं। ऐसे ही स्मृतियों के बोझ और अनुभवों की पूंजी के साथ जब साल 2026 का सूर्य उदय होगा, तो वह सामान्य नहीं होगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, नववर्ष 2026 की पहली सुबह 9 दुर्लभ ज्योतिषीय संयोगों के साथ आरंभ हो रही है, त्रयोदशी तिथि, गुरु प्रदोष व्रत, रवि योग, शुभ - शुक्ल योग, रोहिणी नक्षत्र और उच्च राशि में चंद्रमा, मानो आकाश स्वयं भविष्य का संकेत दे रहा हो। यह संयोग केवल पूजा-पाठ या धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं हैं, बल्कि जीवन-दर्शन का संदेश देते हैं कि स्थिरता, धैर्य, विवेक और कर्म के संतुलन से ही आगे का रास्ता बनता है। ऐसे समय में जब देश तकनीक, विकास और वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है, यह नववर्ष आत्ममंथन और आत्मविश्वास, दोनों का आह्वान करता है
सूर्य का वर्ष और रवि योग का संदेश
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 2026 को सूर्य का वर्ष माना जा रहा है। सूर्य आत्मविश्वास, नेतृत्व और चेतना का प्रतीक है। नववर्ष के पहले दिन रवि योग का बनना यह बताता है कि यह समय निर्णय लेने का है, डर के साथ नहीं, विवेक के साथ। ऐसे योग में आरंभ किए गए कार्यों में बाधाएं कम आती हैं। व्यक्तिगत जीवन हो या राष्ट्रीय योजनाएं, स्पष्ट सोच और साहसिक कदम इस वर्ष की पहचान बन सकते हैं।शुभ योग, शुक्ल योग और नक्षत्रों का संकेत
1 जनवरी को सुबह से शाम तक शुभ योग रहेगा, उसके बाद शुक्ल योग आरंभ होगा। शुभ योग में किए गए कार्यों को सिद्धि का कारक माना जाता है, वहीं शुक्ल योग नई शुरुआत और निवेश के लिए अनुकूल है। दिनभर रोहिणी नक्षत्र और रात में मृगशिरा नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। रोहिणी उर्वरता और विकास का प्रतीक है, यानी यह वर्ष बीज बोने और उसे सींचने का है। चंद्रमा का वृषभ राशि में उच्च होना मानसिक संतुलन और भावनात्मक स्थिरता का संकेत देता है। जब मन स्थिर होता है, तभी निर्णय सही दिशा में जाते हैं, चाहे वह व्यक्ति का जीवन हो या राष्ट्र की नीतियां। मतलब साफ है, 2026 भावनाओं में बहने का नहीं, विवेक के साथ आगे बढ़ने का वर्ष है।
कुछ राशियों के लिए विशेष संकेत
मेष : आत्मविश्वास की नई ऊंचाई। करियर में स्थिरता और पारिवारिक सामंजस्य। आर्थिक निर्णय सोच-समझकर लेने पर लाभकारी।
कन्या : योजनाओं को दिशा मिलेगी। मीडिया, लेखन, शिक्षा और व्यापार से जुड़े जातकों के लिए अवसरों का विस्तार।
मकर : भाग्य का सहयोग। अटके कार्यों में गति। प्रतियोगी परीक्षाओं और करियर में सफलता के संकेत। मतलब साफ है मेष राशि के जातकों के लिए यह वर्ष आत्मविश्वास और करियर स्थिरता का संदेश लाता है। कन्या राशि वालों के लिए नई योजनाएं और संवाद के अवसर खुलेंगे, विशेषकर शिक्षा, लेखन और मीडिया से जुड़े लोगों के लिए। मकर राशि के लिए भाग्य का साथ मिलेगा, अटके कार्य आगे बढ़ सकते हैं और परिश्रम का फल मिलने की संभावना है।
आस्था से आगे की सोच
भारतीय परंपरा में पूजा कर्मकांड नहीं, बल्कि अनुशासन है। शिवाभिषेक हो या दान, इनका उद्देश्य मन को संयमित करना है। गंगाजल से अभिषेक शुद्ध विचारों का प्रतीक है, दूध से अभिषेक मानसिक शांति का, और पीले वस्त्रों का दान ज्ञान व उदारता का। महामृत्युंजय मंत्रः भय से मुक्ति.
काशी से महानगरों तक, नववर्ष का उत्सव
भारत में नववर्ष सिर्फ पार्टी नहीं, परंपरा और प्रतीक्षा का पर्व है। काशी में गंगा की लहरें आरती से आलोकित होती हैं, प्रयाग में संगम पर आस्था सिर झुकाती है, तो शहरों में घड़ी के 12 बजते ही आसमान रंगीन हो उठता है। यह भारत है, जहां आधुनिकता और आस्था एक-दूसरे से टकराती नहीं, बल्कि संवाद करती हैं। यही भारत की विशेषता है, जहां परंपरा बोझ नहीं, पहचान है।
भारत 2026 : अवसर और चुनौतियां
भारत विश्वगुरु बनने की राह पर है, लेकिन यह रास्ता आसान नहीं। 2026 में, तकनीक तेज होगी, एआई जीवन का हिस्सा बनेगा, स्टार्टअप मजबूत होंगे, अंतरिक्ष और चिकित्सा में नए अध्याय खुलेंगे, लेकिन साथ ही, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता, प्रदूषण, डीपफेक जैसी चुनौतियां भी हमारे सामने होंगी। मतलब साफ है नया साल देश के लिए भी नई परीक्षा लेकर आएगा। तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्टार्टअप और अंतरिक्ष के क्षेत्र में संभावनाएं हैं, लेकिन बेरोजगारी, असमानता और पर्यावरण जैसी चुनौतियां भी कम नहीं। यह वर्ष केवल उत्सव का नहीं, जिम्मेदारी का भी है।
नजर नहीं, निगाह चाहिए
नजर देखती है, निगाह समझती है। 2025 यादों में जाएगा, खुशी-ग़म, सफलता-असफलता के साथ। 2026 निगाह मांगता है, दीर्घ दृष्टि, धैर्य और जिम्मेदारी। डर, पछतावा और दोषारोपण छोड़कर आगे बढ़ने का समय है। व्यक्तिगत जीवन में भी और सामाजिक स्तर पर भी।
नववर्ष का संकल्प
नए साल का संकल्प केवल अपने लिए नहीं होना चाहिए। समाज, देश और आने वाली पीढ़ियों के लिए सोचना ही सच्ची प्रगति है। समान अवसर, सुरक्षित समाज और जिम्मेदार नागरिक, यही 2026 की सबसे बड़ी कामना हो सकती है. नया साल मुबारक - नए विचारों, नए साहस और नए भारत की उम्मीद के साथ। नया साल हमें यह सिखाता है, डर से नहीं, निर्णय से चलो, पछतावे से नहीं, प्रयत्न से सीखा, दोषारोपण नहीं, आत्ममंथन करो. मतलब साफ है नए साल के संकल्प सिर्फ बड़े लक्ष्य तय करने के लिए नहीं होते, बल्कि रोजमर्रा की आदतों में छोटे लेकिन सकारात्मक बदलाव लाने का जरिया भी होते हैं. सही संकल्प न केवल हमारी सेहत, करियर और रिश्तों को मजबूत बनाते हैं, बल्कि हमें मानसिक शांति और आत्मसंतोष भी देते हैं. इसलिए नए साल में रोज़ थोड़ा समय एक्सरसाइज़, योग या वॉक के लिए निकालें. संतुलित आहार लें और पर्याप्त नींद लें, ताकि शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहें. ऐसा हर रोज करने से आप अपने आप को एक नई दिशा की ओर लेके जाएंगे. कभी भी जरूरत से ज्यादा स्क्रीन टाइम तनाव बढ़ाता है. दिन में कुछ घंटे मोबाइल से दूरी बनाकर खुद और अपनों के लिए समय निकालें. इस दौरान आप किताबों को अपना दोस्त बना सकते हैं. कितनबे पढ़ने से आपके अंदर चीजों को जानने की इच्छा भी बढ़ेगी. हर महीने थोड़ी-थोड़ी बचत करें और बेवजह के खर्चों से बचें. भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए निवेश की आदत डालें. ऐसा करने से जब आपको किसी एमर्जेंसी के वक्त पैसों की जरूरत पड़ेगी तो आपको किसी के भरोसे नहीं रहना होगा. इस भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद को समय देना बेहद जरूरी है. मेडिटेशन, किताब पढ़ना या कोई हॉबी अपनाकर मानसिक शांति पाएं. इस दौरान आप कुछ नहीं भी कर के खुद को समय देंगे और इसके बाद आपको खुद में सुकून मिलेगा. नए साल में नकारात्मकता छोड़ें और सकारात्मक सोच अपनाएं. परिवार और दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताकर रिश्तों को और मजबूत करें. इसके साथ ही ऐसे लोगों को अपने जीवन से बिलकुल बाहर कर दीजिए जिनको आपसे सिर्फ काम के लिए दोस्ती रखनी होती है.
सुरेश गांधी
वरिष्ठ पत्रकार
वाराणसी




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