तमिल - काशी संबंध सदियों से जीवित, अब नई ऊंचाई पर : धर्मेन्द्र प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अपने संबोधन की शुरुआत “वणक्कम काशी, वणक्कम तमिलनाडु” से की। उन्होंने कहा, काशी तमिल संगमम् एक जनांदोलन बन चुका है। यह आयोजन दो महान संस्कृतियों को जोड़ने वाला सेतु है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष तमिलनाडु के शिक्षक काशी में छात्रों को तमिल भाषा सिखाएंगे, और काशी के छात्र तमिलनाडु जाकर तमिल सीखेंगे। यह भाषा यात्रा भारत में सांस्कृतिक आदानदृप्रदान को अभूतपूर्व बल देगी। तेनकाशीदृकाशी कार रैली को उन्होंने ऐतिहासिक बताया, जो 10 दिसंबर को काशी पहुंचेगी।
तमिल मोदीजी के हृदय में बसता है : तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि
राज्यपाल रवि ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तमिल भाषा और संस्कृति के सम्मान को विश्वपटल पर स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि बीएचयू और गुवाहाटी विश्वविद्यालय में तमिल भाषा की उच्च शिक्षा इसका प्रमाण है। इस साल का थीम “चलो तमिल सीखें” इसी दृष्टि का फल है।
उपराष्ट्रपति का संदेश : “संगमम् साझा विरासत का उत्सव है”
उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन का वीडियो संदेश प्रसारित किया गया, जिसमें उन्होंने आयोजन की भूरि - भूरि प्रशंसा की और इसे “भारत की साझा विरासत का पुर्नजागरण” कहा।
1400 से अधिक तमिल प्रतिनिधि होंगे काशी में
इस एक महीने के महोत्सव में तमिलनाडु से आए 1400 प्रतिनिधियों का अलग-अलग जत्थों में आगमन होगा। इनके कार्यक्रमों में शामिल है, काशी, प्रयागराज, अयोध्या के विश्वविद्यालयों का भ्रमण. मंदिरों, ऐतिहासिक स्थलों और ज्ञानदृपरंपरा से जुड़े केंद्रों का दौरा, विद्वानों, छात्रों, कारीगरों और समुदायों से संवाद, सांस्कृतिक आदानदृप्रदान के विविध कार्यक्रम, आईआईटी मद्रास और बीएचयू इस पूरे आयोजन के नॉलेज पार्टनर हैं।
तमिल सीखें, तमिल करकलाम” : भाषा एकता की नई पहल
इस वर्ष का मुख्य विषय तमिल भाषा को सीखने और जन स्तर पर इसके प्रसार के लिए समर्पित है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार और दस केंद्रीय मंत्रालयों के सहयोग से आयोजित संगमम् वास्तव में संवाद, परंपरा, शिक्षा और सांस्कृतिक अन्वेषण का अद्वितीय संगम बन चुका है।
सांस्कृतिक प्रस्तुति और दिव्यता ने मोहा मन
काशी और तमिलनाडु के कलाकारों ने संयुक्त सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जाओं से भर दिया। नमो घाट पर कला, संगीत और परंपरा का यह संगम मानो सदियों पुराने सांस्कृतिक पुल को पुनर्जीवित कर रहा था।
सीएम योगी ने किया दर्शन - पूजन
उद्घाटन समारोह के पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, और बाबा कालभैरव मंदिर में विधिवत दर्शनदृपूजन किया, और आगामी संगमम् की सफलता व देश की एकता के लिए आशीर्वाद मांगा।

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