वाराणसी : 105वां दीक्षांत : बीएचयू में ज्ञान, गौरव, मेधा और नई उड़ान का महोत्सव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 10 दिसंबर 2025

वाराणसी : 105वां दीक्षांत : बीएचयू में ज्ञान, गौरव, मेधा और नई उड़ान का महोत्सव

  • स्वतंत्रता भवन में 12 को आयोजित दीक्षांत के मुख्य कार्यक्रम में मंच से चमकेंगे 33 पदक, 29 बीएचयू मेडल के मेधावी
  • देश के शीर्ष रक्षा वैज्ञानिक व नीति आयोग सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत होंगे मुख्य अतिथि

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वाराणसी (सुरेश गांधी). एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय काशी हिंदू विश्वविद्यालय 12 दिसंबर को अपना ऐतिहासिक 105वां दीक्षांत समारोह भव्यता और गरिमा के साथ मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। देश - विदेश में अपनी शिक्षण परंपरा और सांस्कृतिक विरासत के लिए पहचाने जाने वाले इस केंद्रीय विश्वविद्यालय में इस बार भी हजारों विद्यार्थियों के जीवन में एक सुनहरी याद बनकर दर्ज होने जा रहा है। इस वर्ष कुल 13,650 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की जाएँगी। जबकि 555 मेधावी छात्र-छात्राओं को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मेडल और सम्मान से नवाज़ा जाएगा। मुख्य समारोह स्वतंत्रता भवन में सुबह 11 बजे शुरू होगा, जिसके लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि मुख्य समारोह में 29 मेधावी विद्यार्थियों को 2 चांसलर मेडल, 2 स्वर्गीय महाराजा विभूति नारायण सिंह स्वर्ण पदक, तथा 29 बीएचयू पदक प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दीक्षांत केवल औपचारिकता नहीं, जीवन की नई यात्रा का प्रारंभ है। कुलपति ने बताया कि बीएचयू विद्यार्थियों को केवल ज्ञान ही नहीं देता, बल्कि उन्हें चरित्रवान, संवेदनशील और नैतिक मूल्यों से युक्त नागरिक भी बनाता है। उन्होंने सभी छात्रों से पुराछात्र पोर्टल से जुड़कर विश्वविद्यालय परिवार के साथ संबंध बनाए रखने का आग्रह किया। कुलपति ने बताया कि यह समारोह विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए “समर्पण का पर्व“ है, एक ऐसा क्षण जब सालभर की कठोर मेहनत और संघर्ष, सफलता और उपलब्धियों की रोशनी में बदल जाते हैं। इस बार दीक्षांत समारोह की शोभा बढ़ाएंगे डॉ. विजय कुमार सारस्वत, सदस्य, नीति आयोग, जेएनयू के कुलाधिपति और देश के प्रतिष्ठित रक्षा वैज्ञानिक. डॉ. सारस्वत : भारत के स्वदेशी मिसाइल कार्यक्रम, बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम, और कई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी मिशनों के प्रमुख मार्गदर्शक रहे हैं। पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित डॉ. सारस्वत ऊर्जा, सुपरकंप्यूटिंग, फोटोनिक्स और भारतीय माइक्रोप्रोसेसर जैसे क्षेत्रों पर भी निरंतर कार्य कर रहे हैं।  मुख्य कार्यक्रम के बाद 12 से 14 दिसंबर को विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों और संस्थानों में अलग - अलग उपाधि वितरण समारोह होंगे। इनमें विशिष्ट शिक्षाविद् और गणमान्य अतिथि विद्यार्थियों को सम्मानित करेंगे। 10 दिसंबर दोपहर 12 बजे तक करीब 11,000 विद्यार्थियों ने उपाधि ग्रहण के लिए ऑनलाइन सहमति दर्ज कर ली है। इस वर्ष कुल उपाधियां, 7,449 स्नातक, 5,484 स्नातकोत्तर, 712 पीएचडी, 4 एम.फिल, 1 डॉक्टर ऑफ साइंस (चिकित्सा संकाय), सभी संस्थानों और संकायों में कुल 554 पदक प्रदान किए जाएंगे। 8 दिसंबर को आयोजित विद्वत परिषद् की बैठक में सभी डिग्रियों, पदकों और नकद पुरस्कारों को औपचारिक मंजूरी दी जा चुकी है।


पोशाक वितरण से मंच सज्जा तक व्यापक समन्वय

परीक्षा नियंता प्रो. सुषमा घिल्डियाल ने बताया कि समारोह की तैयारियां सुचारू रूप से चल रही हैं। पारंपरिक दीक्षांत पोशाक, साफा और उत्तरिया का वितरण संकाय स्तर पर सुव्यवस्थित ढंग से किया जा रहा है ताकि भीड़भाड़ न हो। स्वतंत्रता भवन को समारोह की गरिमा के अनुरूप विशेष रूप से सजाया गया है, जहाँ बड़ी संख्या में विद्वत परिषद् के सदस्य, संकायजन और विद्यार्थी उपस्थित रहेंगे।


बीएचयू का गौरव अब स्क्रीन पर, लाइव प्रसारण की व्यवस्था

दीक्षांत समारोह का सीधा प्रसारण बीएचयू की आधिकारिक वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा, ताकि देश विदेश के पुराछात्र और अभिभावक इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बन सकें। खास यह है कि वे विद्यार्थी और परिवार जो सभागार में उपस्थित नहीं हो सकेंगे, उनके लिए समारोह का लाइव प्रसारण किया जाएगा। मोबाइल, लैपटॉप या किसी भी डिजिटल माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर बीएचयू का यह भव्य आयोजन देखा जा सकेगा।


मुख्य समारोह के बाद हर फैकल्टी में अलग-अलग वितरण समारोह

बीएचयू की विशालता को देखते हुए, मुख्य समारोह के बाद सभी संकायों - कला, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य, प्रबंधन, शिक्षा, कानून, कृषि, पर्यावरणकृमें अलग-अलग डिग्री वितरण कार्यक्रम होंगे। जहाँ विद्यार्थी संख्या अधिक होगी, वहाँ दो सत्रों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस व्यवस्था का उद्देश्य है कि हर विद्यार्थी को अपनी फैकल्टी में मंच पर जाकर डिग्री लेते हुए फोटो खिंचवाने और गौरव साझा करने का अवसर मिले।


पीएम द्वारा सम्मानित दो प्रतिभाएँ भी होंगी शामिल

समारोह में उन दो तेजस्वी विद्यार्थियों को भी आमंत्रित किया गया है, जिन्हें हाल में प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। उनके परिवार भी समारोह का हिस्सा बनेंगे, जिससे आयोजन की गरिमा और बढ़ेगी।


बीएचयू से जुड़े रहिए, पूर्व छात्रों को संदेश

कुलपति ने छात्रों से अपील की, चाहे नौकरी में हों या विदेश में उच्च शिक्षा में, बीएचयू से अपना संबंध बनाए रखें। जहां सुधार की जरूरत लगे, बताएं। जहां आपने सीख कर सफलता पाई है, उस गौरव को दुनिया में फैलाएं। बीएचयू सिर्फ एक विश्वविद्यालय नहीं, एक परिवार है।


समारोह सिर्फ प्रमाण पत्र नहीं, जीवन के नए अध्याय का उद्घोष

दीक्षांत समारोह वह पल है, जब बीएचयू की ऐतिहासिक विरासत और आधुनिक शिक्षा का संगम विद्यार्थियों को भविष्य की ओर प्रस्थान करने का संकल्प देता है। हर साल की तरह इस बार भी बीएचयू अपने विद्यार्थियों को ज्ञान, संस्कार और उत्कृष्टता की एक नई उड़ान पर विदा देगा।


क्यों दो-भाग वाला आयोजन?

बीएचयू में विद्यार्थियों की संख्या इतनी अधिक है कि एक ही समारोह में सभी को डिग्री प्रदान करना संभव नहीं। इसीलिए दीक्षांत समारोह को दो हिस्सों में बांटा जाता है, 1. मुख्य दीक्षांत समारोह : मेडल, संबोधन और शीर्ष सम्मान, 2. डिग्री वितरण समारोह : फैकल्टी स्तर पर व्यक्तिगत प्रमाण पत्र वितरण. इस व्यवस्था से छात्र-छात्राओं को मंच पर जाकर तस्वीरें लेने, परिवार के सामने अपना गौरव साझा करने, और अपने शिक्षकों के साथ इस क्षण को यादगार बनाने का अवसर मिलता है।

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