आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा ध्वस्त किए जाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्नी अटल बिहारी वाजपेयी को बराबर का जिम्मेदार ठहराते हुए आज कहा कि उस घटना के लिए कांग्रेस को माफ नहीं किया जा सकता।बोर्ड की एकदिवसीय बैठक के समाप्त होने पर प्रवक्ता और सहायक महासचिव अब्दुल रहीम कुरैशी ने संवाददाताओं से कहा कि श्री वाजपेयी तकनीकी तौर पर विवादित ढांचे को ध्वस्त करने में भले ही शामिल नहीं हो लेकिन नैतिक रुप से वह बराबर के जिम्मेदार है।
श्री कुरैशी ने कहा कि मुसलमानों को झकझोर कर रख देने वाली उस घटना में कांग्रेस की भूमिका के लिए उसे कभी माफ नही किया जा सकता। तत्कालीन प्रधानमंत्नी पी वी नरसिंहराव यदि समय रहते कदम उठा लेते तो विवादित ढांचे को बचाया जा सकता था।
नदवातुल उलमा परिसर में दिन भर चली बोर्ड की बैठक का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि लिब्रहान आयोग रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित है।
4 टिप्पणियां:
अच्छी जानकारीं दी आपने , आभार ।
बड़ी देर बाद बात समझ में आई इनके ?
सब एक थैली के चट्टे बट्टे हैं
अगर यह विवादित जगह थी तो कांग्रेस को ताला ही नही खोलना चाहिए था....पहले फैसला करते फिर ताला खोलते तो यह सब होता ही नही....
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