मुम्बई हमलों के पीछे आईएसआई का हाथ होने की एक बात सामने आई है। आतंकवादी डेविड हेडली ने जांचकर्ताओं को बताया कि पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ने लश्कर-ए-तैयबा को एक नाव खरीदने के लिए 25 लाख रूपए दिए थे, जिसका उपयोग आतंकियों ने कराची से निकलने में किया।
हेडली ने आवाज के नमूने के परीक्षण के आधार पर दो आईएसआई अधिकारियों की भी पहचान की, जिन्होंने मुंबई में 26 नवंबर 2008 को 60 घंटे तक चले हमले के लिए 10 आतंकवादियों को निर्देश दिए। हेडली से एनआईए के एक दल द्वारा की गई पूछताछ के आधार पर मिली जानकारी के बारे में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एफबीआई की हिरासत में लश्कर सदस्य हेडली के रहस्योद्घाटन से हमले में आईएसआई की भूमिका स्पष्ट हो गई है। इस नौका का इस्तेमाल 26/11 के हमलावरों ने कराची से पाकिस्तानी समुद्री सीमा तक जाने के लिए किया, जहां उन्होंने मुंबई पहुंचने के लिए नाव कुबेर का अपहरण किया। भारतीय जांचकर्ताओं के पास यह भी जानकारी है कि आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा ने मुंबई हमलों में एक साजिशकर्ता साजिद मीर से मुलाकात की थी, जो फिलहाल पाकिस्तान की जेल में है।

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