सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ की 196 बटालियन का कांस्टेबल हरपिंदर सिंह बल के शिविर में संतरी की ड्यूटी दे रहा था। उसने शुक्रवार रात दस बजे अपने सहयोगियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दी।
करीब चार घंटे तक चली गोलियों में सहायक कमांडेंट बिसाहू सिंह सहित उसके छह सहयोगी मारे गए। हरपिंदर द्वारा लगातार गोलियां चलाए जाने के कारण शिविर में मौजूद सीआरपीएफ कर्मियों ने देर रात दो बजे उसे गोली मार दी। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

1 टिप्पणी:
इस नशा और शराब ने पूरे देश,समाज और इंसानियत को बरबाद कर दिया है और हमारे देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति इसे बढ़ने से रोकने का कोई भी सार्थक प्रयास करने की सोच तक नहीं रहें हैं | ऐसा टेक्स का पैसा किस काम का जो पूरी इंसानियत को ही खत्म कर दे ....शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगना जरूरी है ...
एक टिप्पणी भेजें