बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की और 11वीं पंचवर्षीय योजना में सकल बजटीय समर्थन घटाने के लिए केन्द्र की आलोचना की। नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा विज्ञान भवन में बुलाई गई राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।उन्होंने कहा कि "हाल के दिनों में बिहार के सकल घरेलू उत्पाद में उत्साहजनक प्रगति हुई है, फिर भी प्रति व्यक्ति के आय के मामले में हम काफी पीछे हैं। सामाजिक क्षेत्र में हमने अति प्रशंसनीय प्रगति की है, फिर भी राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति के आय के भी स्तर को छूने के लिए हमें भारी निवेश करने की जरूरत है।
अत: निवेशकों को आकर्षित करने के लिए, खासकर कृषि आधारित उद्योग के क्षेत्र में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना अत्यंत आवश्यक है। एक बार विशेष राज्य का दर्जा जैसे ही प्राप्त होगा, बिहार अपनी जरूरतों का खुद ही ध्यान रख लेगा। गौरतलब है कि कुमार मुख्यमंत्री बनने के बाद लगातार इस मांग को उठाते रहे हैं और योजना आयोग के पास यह मामला विचाराधीन भी रहा है। विशेष राज्य का दर्जा देने की मंजूरी राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में दी जाती है।
नीतीश कुमार ने अपने भाषण की शुरूआत में ही केन्द्र द्वारा पंचवर्षीय योजना में राज्यों को कम धनराशि दिए जाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा, दसवीं पंचवर्षीय योजना के समय से ही राज्य योजना के समर्थन में कमी का जो सिलसिला चला, वह दुर्भाग्यवश पंचवर्षीय योजना में भी जारी है।
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