शशिनाथ झा हत्याकांड मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कठघरे में खड़ा कर दिया। कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि उसने मामले के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री शिबू सोरेन को निर्दोष ठहराने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील क्यों नहीं की? झा की 1994 में हत्या कर दी गई थी। वे सोरेन के निजी सहायक थे। शीर्ष कोर्ट ने झा की मां द्वारा दायर अपील को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए यह सवाल किया।
जस्टिस अल्तमस कबीर और एके पटनायक की बेंच के इस सवाल पर सीबीआई के वकील ने कहा कि सोरेन को छोड़कर मामले के अन्य चार आरोपियों के बरी होने के खिलाफ अपील की गई थी। गौरतलब है कि सोरेन (65) को निचली कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें निर्दोष ठहराया था। इसके बाद सोरेन ने केंद्र की पिछली यूपीए सरकार को अपना समर्थन दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील में झा की मां प्रियंवदा देवी ने सोरेन को भी अन्य चार आरोपियों के साथ अपने बेटे की हत्या में शरीक माना है।
शशिनाथ झा 22 मई 1994 को दिल्ली के धौला कुआं इलाके से रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गए थे। अगले दिन वे रांची में सोरेन के एक सहयोगी के साथ नजर आए थे। बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी। झा पर 1993 के सांसद रिश्वत कांड में शामिल होने का आरोप था।
मंगलवार, 27 जुलाई 2010
शशि नाथ झा ह्त्या काण्ड की अपील सुप्रीम कोर्ट में दायर, याचिका मंज़ूर !!
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