लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने आज यहां संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि आवश्यक वस्तुओं की बेतहाशा मूल्यवृध्दि तथा केरोसिन तेल और रसोई गैस की दरों में भारी वृध्दि को लेकर कल लोकसभा में काम रोको प्रस्ताव पेश किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के अतिरिक्त वाम मोर्चा, समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा महंगाई के विरोध में काम रोको प्रस्ताव संबंधी अलग अलग नोटिस दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में उनकी मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव तथा वासुदेव आचार्य से बातचीत हुई है और वे अपनी ओर से महंगाई के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव का नोटिस देने पर सहमत हो गये हैं। श्रीमती स्वराज ने कहा कि द्रविड मुन्नेत्र कषगम और अन्नाद्रमुक के नेताओं ने भी महंगाई को लेकर चर्चा में शामिल होने की बात कही है।
श्रीमती स्वराज ने कहा कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कथित राजनीतिकरण को लेकर संसद में चर्चा कराने की मांग जायेगी। उन्होने कहा कि सीबीआई की राजनीतिकरण संबंधी चर्चा की मांग को लेकर नोटिस में गुजरात के पूर्व गृह राज्यमंत्री अमित शाह का कोई उल्लेख नहीं होगा, बल्कि भोपाल गैस कांड मामले में यूनियन कारबाईड के वारेन एंडरसन एवं अन्य मामलों का जिक्र किया जायेगा।
इसी तरह राज्यसभा में भी कल महंगाई को लेकर नियम 184 के तहत कामरोको प्रस्ताव का नोटिस देकर तुरन्त चर्चा कराने की मांग पर जोर दिया जाएगा। राज्यसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के बाद राज्यसभा में उपनेता एस एस अहलूवालिया ने बताया कि महंगाई के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव का नोटिस देने पर प्रायः सभी विपक्षी दल सहमत हो गये हैं। साथ ही, सीबीआई के राजनीतिकरण के मुद्दे को भी सदन में उठाने की मांग की गई है।
इसी तरह राज्यसभा में भी कल महंगाई को लेकर नियम 184 के तहत कामरोको प्रस्ताव का नोटिस देकर तुरन्त चर्चा कराने की मांग पर जोर दिया जाएगा। राज्यसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के बाद राज्यसभा में उपनेता एस एस अहलूवालिया ने बताया कि महंगाई के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव का नोटिस देने पर प्रायः सभी विपक्षी दल सहमत हो गये हैं। साथ ही, सीबीआई के राजनीतिकरण के मुद्दे को भी सदन में उठाने की मांग की गई है।
जाति आधारित जनगणना के मसले पर केन्द्र सरकार द्वारा वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में गठित मंत्रिसमूह की ओर से सभी दलों को अपने विचार लिखित में देने के लिये सात अगस्त तक का समय निर्धारित कर दिया गया है और इस पर भाजपा की ओर से लोकसभा में उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने पिछले सत्र के दौरान विचार व्यक्त किये थे। उस पर पार्टी आज भी कायम है। उन्होंने कहा कि मुखर्जी समिति को अपने विचार लिखित में भेजने से पूर्व पार्टी के कोर ग्रुप की बैठक छह अगस्त को होगी, जिसके बाद पार्टी की आधिकारिक सोच से सरकार को सूचित किया जायेगा।
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