सीबीआई ने वर्ष 2005 के कथित सोहाराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में सोमवार को विशेष अदालत से गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह से जेल में पूछताछ की इजाजत मांगी।
शाह ने रविवार को सीबीआई के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, इसके फौरन बाद उन्हें सीबीआई के न्यायाधीश ए.वाई.दवे के आवास पर पेश किया गया था जिन्होंने पूर्व मंत्री को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। जांच एजेंसी ने उनका रिमांड नहीं मांगा था।
रविवार को गांधीनगर में सीबीआई कार्यालय जाने से पहले शाह नाटकीय अंदाज में भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में मीडिया से मुखातिब हुए। उन्हें पार्टी कार्यालय में रस्मी विदाई दी गई और उनके माथे पर तिलक लगाया गया।
शाह ने कहा कि वह गुरुवार और शुक्रवार को सीबीआई के समक्ष इसलिए पेश नहीं हुए क्योंकि वह समझते हैं कि उनके खिलाफ 3000 पृष्ठों का आरोप पत्र पहले ही तैयार किया जा चुका था और उनसे पूछताछ दिखावा भर ही होती।
गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने शेख को 26 नवंबर 2005 को एक कथित फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। उसकी पत्नी कौसर बी तभी से लापता है।
शाह पर आरोप है कि उन्होंने सोहाराबुद्दीन की कथित हत्या में शामिल पुलिस अधिकारियों को फोन किए थे। पुलिस का दावा है कि सोहाराबुद्दीन लश्कर-ए तैयबा का सदस्य था।
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