भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद कीथ वाज चाहते है कि कोहिनूर हीरे को भारत को लौटा दिया जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से आग्रह किया है कि वह अगले सप्ताह अपनी भारत यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा करें। वाज ने कहा मेरा मानना है कि कोहिनूर मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री के पास यह मौका सही है। जिस देश से 161 वर्ष पहले कोहिनूर यहां आया था, उसे लौटा देना उपयुक्त होगा। उन्होंने कहा कि इस बहुमूल्य रत्न को भारत को लौटाने से यह संदेश जाएगा कि> नई गठबंधन सरकार भारत के साथ सहयोग के नए युग में प्रवेश करने की इच्छुक है। वाज ने कहा यह कदम भारत और ब्रिटेन के संबंधें को निश्चित रूप से एक नए युग में पहुंचा देगा।
कोहिनूर को भारत में प्रदर्शित करने या हमेशा के लिए लौटा देने पर यदि प्रधानमंत्री चर्चा के लिए तैयार हैं तो वह निश्चित रूप से सभी भारतीयों का दिल जीत लेगे। वर्ष 1849 में पंजाब क्षेत्र के शासक दलीप सिंह की हार के बाद कोहिनूर को इंग्लैण्ड ले जाया गया था। लाहौर समझौता संधि के रूप में इस रत्न को महारानी विक्टोरिया को समर्पित कर दिया गया था। आजादी के बाद इसे भारत लौटाने के लिए काई बार आग्रह किया गया। सबसे हालया आग्रह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पिछले महीने किया। इसके लिए यूनेस्कों और इस क्षेत्र के अन्य देशों के समर्थन से एक संयुक्त अभियान चलाने की भी योजना हैं। ब्रिटिश सरकार ने हालांकि इस मांग को खारिज करते हुए तर्क दिया है कि हीरे को वैध तरीके से अधिग्रहित किया गया था। इसके पक्ष में ब्रिटिश संग्रहालय अधिनियम 1963 का> उल्लेख किया जाता है, जो सरकार को इसे वापस करने से रोकती है।

1 टिप्पणी:
agar bharat sarkar ka prayas jari rahta hai toh wo din door nahi jab yeah kohinoor hira huamare desh wapas aa jayega!
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