स्वस्थ दिल तो दिमाग भी स्वस्थ एवं जवान !! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


मंगलवार, 3 अगस्त 2010

स्वस्थ दिल तो दिमाग भी स्वस्थ एवं जवान !!

अमरीका में एक शोध में सामने आया है कि अपने दिल को स्वस्थ रखने से दिमाग़ जल्दी बूढ़ा नहीं होता.
बॉस्टन यूनिवर्सिटी की टीम ने ये शोध 1500 ऐसे लोगों पर किया जो देखने में तो चुस्त थे लेकिन उनका दिल सुस्त था यानी उनका दिल ख़ून की कम मात्रा ही शरीर में भेज पाता था. इन लोगों के दिमाग़ की स्कैनिंग से पाया गया कि इनका दिल काफ़ी बूढ़ा है.
इन 1500 लोगों के दिमाग़ से सामने आया कि दिमाग़ अगर बूढ़ा हो जाए तो सिकुड़ने लगता है . 
'सर्कुलेशन' पत्रिका के अनुसार अगर हृदय कमज़ोर हो तो दिमाग़ को औसतन दो साल बूढ़ा बना देता है.
ये शोध 30 से 40 वर्ष की उम्र वाले युवाओं और उम्रदराज़ लोगों पर किया गया.
इन युवाओं में दिल की कोई बीमारी नहीं थी जबकि बुज़ुर्ग दिल की किसी न किसी बीमारी से पीड़ित थे. इसके बावजूद दोनों के ही नतीजे एक दूसरे से जुड़े हुए निकले.
मुख्य शोधकर्ता डॉक्टर ऐंजेला जेफ़रसन ने कहा, "शोध में हिस्सा लेने वाले ये लोग बीमार नहीं हैं. इनमें से बहुत कम संख्या ऐसे लोगों की है जिन्हें हृदय रोग है. शोध के सभी नमूनों के नतीजों में एक तिहाई में कार्डिएक इंडेक्स कम पाया गया है. कार्डिएक इंडेक्स के कम होने का संबंध छोटे मस्तिष्क से है. इस पर आगे और अध्ययन की ज़रूरत है".
शोधकर्ताओं का कहना है कि जिनपर शोध किया गया है उनमें दिमाग़ का सिकुड़ना इस बात का संकेत है कि कुछ गड़बड़ है.
अगर डिमेंशिया यानी मनोभ्रंश हो तो दिमाग़ और ज़्यादा सिकुड़ जाता है.
किसी का दिल अगर शरीर में ख़ून की कम मात्रा देता है तो इसका मतलब है कि मस्तिष्क तक भी ख़ून की कम मात्रा ही जा रही है. यानी मस्तिष्क के पोषण के लिए ज़रूरी पोषक तत्व और ऑक्सीजन भी दिमाग़ को कम मिल रहा है.
डॉक्टर जेफ़रसन ने कहा, "अकेले इन नतीजों के आधार पर कोई स्वास्थ्य संबंधी हिदायत देना जल्दबाज़ी होगी लेकिन इन नतीजों से समझ आता है कि दिल और दिमाग़ का स्वास्थ्य एक दूसरे पर निर्भर करता है."
बॉस्टन स्कूल ऑफ़ मेडिसिन की टीम इन सभी लोगों पर अपना शोध जारी रखेगी. आगे उनका मक़सद ये जानना होगा कि समय के साथ दिमाग़ में बदलाव के कारण याददाश्त पर भी कोई असर पड़ता है या नहीं .

कोई टिप्पणी नहीं: