कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य के विधानसभा अध्यक्ष के 11 बीजेपी विधायकों को निलंबित करने के फैसले को सही करार दिया है. इस फैसले के साथ ही कर्नाटक सरकार पर मंडरा रहा संकट भी खत्म हो गया है. अब येदियुरप्पा की सरकार बनी रहेगी.
जस्टिस सभाहित ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया का फैसला संविधान की 10वीं सूची के पैरा 2(1)(a) के तहत ही आता है.
इस महीने की शुरुआत में बीजेपी के 11 विधायकों समेत कुल 16 ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद बीएस येदियुरप्पा की सरकार संकट में आ गई. उनके विधायकों की संख्या बहुमत से कम हो गई लिहाजा राज्यपाल ने उन्हें सदन में बहुमत साबित करने को कहा.
लेकिन विश्वास मत से पहले ही विधानसभा अध्यक्ष केजी रोसैया ने बीजेपी के विधायकों को दल बदल कानून के तहत निलंबित कर दिया. इसके चलते विधानसभा में विधायकों की संख्या कम हो गई और बीजेपी सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया. लेकिन राज्यपाल ने इसे गलत बताते हुए मुख्यमंत्री से दोबारा बहुमत साबित करने को कहा. जब विधायकों की संख्या उतनी ही रही तो मुख्यमंत्री के लिए बहुमत साबित करना मुश्किल नहीं रहा.
विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सभी बागी विधायकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दे डाली. इसी चुनौती पर हाई कोर्ट ने फैसला दिया है कि स्पीकर का फैसला सही था.
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