भारतीय हॉकी टीम फाइनल में !! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


मंगलवार, 12 अक्टूबर 2010

भारतीय हॉकी टीम फाइनल में !!

मंगलवार को इंग्लैंड को पेनाल्टी शूट आउट में 5-4 से हराकर भारत ने पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुष हाकी स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश कर लिया जहां उसका सामना विश्व चैम्पियन आस्ट्रेलिया से होगा।

खचाखच भरे स्टेडियम में दर्शकों और खिलाड़ियों में वही जोश था जो पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी लीग मैच में देखने को मिला था। दो गोल से पिछड़ने के बाद भारत ने शानदार वापसी करते हुए मैच को अतिरिक्त समय तक खींच दिया। उसमें भी स्कोर 3-3 से बराबर रहने के बाद फैसला पेनाल्टी शूट आउट पर चला गया।

 भारत के लिए सरवनजीत सिंह, विक्रम पिल्लै, संदीप सिंह, अर्जुन हलप्पा और शिवेंद्र सिंह ने गोल किए। वहीं, इंग्लैंड के लिए रिचर्ड स्मिथ, रिचर्ड मेंटल, एशले जैकसन और साइमन मेंटल ने सही निशाना लगाया, जबकि ग्लेन किरखम का शॉट भरत छेत्री ने बचा लिया।

राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष हाकी में अब तक पदक से अछूते भारत की जीत पर मुहर लगते ही पूरा मैदान आंदोलित हो गया। दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहटें लंबे समय तक नहीं रूकीं। भारतीय हाकीप्रेमियों को ऐसा नजारा कम ही देखने को मिलता है। अब फाइनल में भारत 14 अक्टूबर को आस्ट्रेलिया से भिड़ेगा जिसने न्यूजीलैंड को 6-2 से हराया।
इससे पहले दो गोल से पिछड़ी भारतीय टीम ने चार मिनट में दो गोल करके शानदार वापसी की। भारत के लिए सरवनजीत सिंह (19वां और 61वां मिनट) और विक्रम पिल्लै (57वां) ने गोल किए जबकि इंग्लैंड के लिए ड्रैग फ्लिकर एशले जैकसन (35वां और 41वां मिनट) और साइमन मेंटल (45वां) ने गोल दागे।

निर्धारित समय तक स्कोर 3-3 से बराबर रहने के बाद मैच अतिरिक्त समय में खिंच गया। भारत को 78वें मिनट में पेनाल्टी कार्नर मिला लेकिन संदीप सिंह का निशाना चूक गया। इसके दो मिनट बाद तुषार खांडेकर ने गोल के ठीक सामने आसान सा मौका गंवाया। अगले मिनट में कप्तान राजपाल सिंह से मिले क्रास पर वह फिर सही निशाना लगाने से चूके। अतिरिक्त समय में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी।

पहले हाफ में भारतीयों ने दबदबा बनाए रखा। भारत ने शुरुआती क्षणों में आसान मौका गंवाया जब शिवेंद्र गोल के सामने गेंद को पकड़ नहीं सके। भारत के लिए पहला गोल 19वें मिनट में सरवनजीत सिंह ने किया। पहले पेनाल्टी कार्नर को वेरिएशन आजमाते हुए धनंजय महाडिक ने फ्लिक किया लेकिन इंग्लैड के गोलकीपर जेम्स फेयर ने इसे बचा लिया। कार्नर के लिए पुश देने वाले सरवनजीत ने गोलपोस्ट के पास से गेंद को भीतर डाल दिया। इसके तीन मिनट बाद इंग्लैंड ने बराबरी का बेहद आसान मौका गंवाया। राब मूरे का हिट गोलपोस्ट के पास से गुजरा लेकिन वहीं खड़े रिचर्ड मेंटल फुर्ती से गेंद को स्टिक से छूकर गोल की तरफ नहीं भेज सके। इंग्लैंड ने हालांकि पहले ही हाफ में आखिरी मिनट में बराबरी का गोल दागकर भारत को मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने नहीं दिया। अनुभवी ड्रैग फ्लिकर जैकसन ने यह गोल किया।


कोई टिप्पणी नहीं: