टीम के संरक्षक कहे जाने वाले शशि थरूर ने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर के लिए सफाई देते हुए कहा है कि अब उनकी टीम में कोई हिस्सेदारी नहीं है। सुनंदा अपने हिस्से के रोंदेवु स्पोर्ट्स वर्ल्ड कोन्सोर्टियम के शेयर पहले ही लौटा चुकी हैं।
विवाद से परेशान भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने कोच्चि फ्रेंचाइजी को चेतावनी देते हुए कहा है कि निवेशकों का मामला जल्द निपटाया जाए वरना बोर्ड उस पर कार्रवाई करेगा।
इंडियन प्रीमियर लीग की सबसे विवादित टीम कोच्चि के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। फ्रेंचाइजी के संरक्षक शशि थरूर ने इस खतरे की ओर संकेत किया है। कोच्चि टीम में हिस्सेदारी को लेकर फ्रेंचाइजी के निवेशक दो गुटों में बंट गए हैं। टीम के प्रमुख शेयरधारकों ने थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की हिस्सेदारी पर आपत्ती जताई है।
आईपीएल की नई टीम कोच्चि फ्रेंचाइजी में कुछ व्यक्तियों ने मिलकर निवेश किया है। इसमें मुकेश पटेल, हर्षद मेहता, साकेत मेहता, विवेक वेणुगोपाल, अतुल शाह और नेरुल शाह की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि सुनंदा पुष्कर के पास फ्रेंचाइजी का 26 प्रतिशत हिस्सा है। पुष्कर के पास जो शेयर हैं वो फ्री इक्विटी के रूप में हैं, जिसका मतलब है सुनंदा ने सीधे तौर पर कोई निवेश नहीं किया है लेकिन फिर भी उनकी मुनाफे में हिस्सेदारी है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पूरे विवाद को सुलझाने के लिए निवेशकों को 10 दिन का समय दिया है। बीसीसीआई प्रमुख शशांक मनोहर ने कहा, हम दो गुटों के साथ इस प्रकार काम नहीं कर सकते। कोच्चि को ये विवाद सुलझाना ही होगा।
सूत्रों के मुताबिक फ्रेंचाइजी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौन होगा इस पर भी विवाद चल रहा है। कोच्चि टीम के हिस्सेदार सत्यजीत गायकवाड़ के सीईओ बनाए जाने से भी खफा हैं।
इन सब विवादों के सामने आने से टीम के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। कोच्चि टीम साल 2011 में आईपीएल के चौथे सत्र से मैदान पर उतरेगी। आईपीएल-4 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी नवंबर में की जाएगी।

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