प्रत्येक व्यक्ति को भगवद-भजन और मानवता की सेवा से
अपने ह्रदय को शुद्ध करना चाहिए| ईश्वर की इच्छा के अनुरूप
बिना भुनभुनाए अपने जीवन को जीना चाहिए| उसकी इच्छा
को ही अपनी इच्छा माने| असीम के साथ तादात्म्य
बनाए रखे| इसके अतिरिक्त और कोई रास्ता नहीं है|
(गुरु नानक देव)
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