संसद में 2जी स्पेक्ट्रम मामले की जेपीसी से जांच की मांग पर पिछले 11 दिनों से चले आ रहे गतिरोध के चलते कांग्रेस ने घोषणा की है कि उसके सांसद में कोई काम नहीं होने के कारण इस सत्र का भत्ता नहीं लेंगे। मगर भाजपा सहित विपक्षी दलों ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कांग्रेस की यह मुद्दे से ध्यान हटाने की चाल है। संसदीय मामलों के मंत्री पवन कुमार बंसल ने शुक्रवार को बताया कि पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस के कई सांसदों ने उनसे मिलकर यह इच्छा जाहिर की है कि संसद लगातार स्थगित होती जा रही है और काम के बिना वे अपना दो हजार रूपए का दैनिक भत्ता नहीं लेना चाहते। उन्होंने कहा, यह कांग्रेस का फैसला है।
कांग्रेस सांसदों ने तय किया है कि वह 10 नवंबर से लेकर सत्र की समाप्ति तक अपना दैनिक भत्ता नहीं लेंगे। संसद में व्यवधान के कारण राजकोष को होने वाला नुकसान पी़डादायी है। हमें काम नहीं तो भत्ता नहीं, के सिद्धांत का पालन करना चाहिए। 10 नवंबर से संसद की कार्यवाही ठप है। उधर, भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा, काम नहीं तो भत्ता नहीं संबंधी कांग्रेस सांसदों का ऎलान विपक्ष के आंदोलन से ध्यान हटाने की चाल है। जावडेकर ने कहा, जेपीसी से ध्यान हटाने की इस चाल से हम विचलित नहीं होंगे। हम जेपीसी की मांग मानी जाने तक उस पर अडिग रहेंगे। हमारी यह ल़डाई लोकतंत्र की रक्षा के लिए है और पूरी तरह लोकतांत्रिक है।
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, विपक्ष अगर रोजाना सदन में दो मिनट के लिए नारे लगाने का दो हजार रूपए लेना चाहती है, तो उसे मुबारक। देश की जनता सब देख रही है। संसद की एक दिन की कार्यवाही पर औसतन साढ़े सात करो़ड रूपए से भी ज्यादा का खर्च आता है। जावडेकर का कहना है कि जेपीसी की मांग नहीं मानकर संसद में गतिरोध के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस जिम्मेदार है, इसलिए जितने दिन गतिरोध बना हुआ है, उसका भत्ता कांग्रेस पार्टी से लिया जाना चाहिए। येदियुरप्पा के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग का जवाब देने से बचते हुए उन्होंने कहा, संसद में मुद्दा येदियुरप्पा नहीं, बल्कि जेपीसी है। कांग्रेस के लोकसभा में 207 और राज्यसभा में 71 सदस्य हैं।
बंसल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि निजी तौर पर वह मानते हैं कि जिस दिन संसद में काम न हो, उस दिन सदस्यों को दिया जाने वाला भत्ता रोक लिया जाना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री ने दावा किया कि कुछ विपक्षी सदस्यों का कहना है कि उनका संसद आना और विरोध प्रदर्शन करना भी उनके काम हिस्सा है। बहरहाल, बंसल ने विपक्षी दलों के इस आरोप को खारिज कर दिया कि भत्ता ने लेने का फैसला जेपीसी की मांग के मुद्दे को कमजोर करने की कांग्रेस की चाल का हिस्सा है। हमें उम्मीद है कि संसद सदस्य संसद आएंगे और दोनों सदनों में सामान्य तरीके से कामकाज होगा। उन्होंने कहा कि अनिश्चि काल के लिए सत्र को स्थगित कर देना समाधान नहीं है, न ही सरकार ने इस बारे में सोचा है। यह विचार विपक्ष के दिमाग की उपज हो सकता है।
शनिवार, 27 नवंबर 2010
कांग्रेस सांसद दैनिक भत्ता नहीं लेंगे !
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