अपने विचारों, शब्दों या कार्य से किसी भी प्राणिमात्र को
पीड़ित करने से बचे। उदार और दयालु बनो| स्वयं कों
क्रोध, ईर्ष्या और घृणा से दूर रखो| अच्छे कार्यों से ही खुशी
मिलती है| सही तरीके से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है।
(स्वामी शिवानन्द )
अपने विचारों, शब्दों या कार्य से किसी भी प्राणिमात्र को
पीड़ित करने से बचे। उदार और दयालु बनो| स्वयं कों
क्रोध, ईर्ष्या और घृणा से दूर रखो| अच्छे कार्यों से ही खुशी
मिलती है| सही तरीके से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है।
(स्वामी शिवानन्द )
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