बिहार विधानसभा में इस बार किसी भी पार्टी को मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा नहीं मिलेगा, क्योंकि कोई भी विपक्षी दल 243 सदस्यों वाले विधानसभा में विपक्ष के नेता का दर्जा हासिल करने के लिए 25 सीटों के जादुई अंक को हासिल नहीं कर पाया है।नियम के मुताबिक विपक्ष के नेता की हैसियत तभी मिलती है, जब उसे कुल सीटों की संख्या का कम से कम 10 फीसदी सीटें मिली हों।
ऐसा न होने पर किसी भी विपक्षी पार्टी के नेता को औपचारिक रूप से विपक्ष का नेता नहीं बनाया जा सकता है और उन्हें मंत्री का दर्जा, वेतन और भत्ता भी नहीं मिल सकता। हालांकि सरकार की सहमति से अनौपचारिक रूप से विपक्ष का नेता चुना जा सकता है।
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