कश्मीर को भारत से अलग बताने वाली लेखिका अरुंधती रॉय ने अब एक और विवादास्पद बयान दिया है। इस बार उन्होंने माओवादियों को देशभक्त करार दिया है। भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम में अरुंधती ने कहा कि माओवादी भी एक तरह से देशभक्त हैं। वो बात अलग है कि उनकी देशभक्ति काफी जटिल है। सही मायने में माओवादी देश को टूटने से बचाने के लिए लड़ रहे हैं।
एक संगोष्ठी में व्याख्यान देने आयीं अरुंधती ने प्रधानमंत्री व गृहमंत्री पर आरोप लगाया कि माओवादियों के हथियार उठाने की सबसे बड़ी वजह केंद्र सरकार का वो फैसला है, जिसमें आदिवासियों की जमीन पर कारोबारी घरानो के कब्जे को अनुमति दी गई थी। ऐसा करके सरकार ने अनूसूचित क्षेत्र का पंचायत विस्तार अधिनियम का उल्लंघन किया।
‘कॉरपोरेट स्वार्थ के लिए जनता के खिलाफ़ युद्ध में सांस्कृतिक प्रतिरोध’ विषय पर अरुंधती ने कहा कि माओवादियों की समस्याओं का सामाधान सरकार ही कर सकती है।
कश्मीर पर दिए गए विवादास्पद बयान के कारण इस संगोष्ठी में जा रही अरुंधती को अखिल भारतीय विद्याथी परिषद के कार्यकर्ताओं ने बीच में रोक लिया व जमकर हंगामा किया। पुलिस ने बीच-बचाव कर उनका रास्ता साफ किया। इस दोरान एक दर्जन एबीवीपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया।
सोमवार, 22 नवंबर 2010
अरुंधती का एक और विवादास्पद बयान !
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