सुधा सिंह ने इसके कुछ देर बाद महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपल चेज में स्वर्ण पदक जीतकर ट्रैक एवं फील्ड प्रतियोगिता का पहला दिन पूरी तरह से भारत के नाम कर दिया। उन्होंने नौ मिनट 55.67 सेकेंड का समय निकालकर नए राष्ट्रीय रिकार्ड के साथ सोने का तमगा हासिल किया।
भारत ने इस तरह से एथलेटिक्स में पहले दिन दांव पर लगे छह में से दो स्वर्ण पदक जीतकर शानदार शुरुआत की। यही नहीं पुरुषों की ऊंची कूद में हरिशंकर राय ने फाइनल में जगह बनाकर भारतीयों की उम्मीद जगा दी है। प्रीजा वर्ष 2006 में दोहा में हुए एशियाई खेलों की पांच हजार मीटर और 10 हजार मीटर दौड़ में पांचवें स्थान पर रही थीं, लेकिन यहां उन्होंने अपना प्रदर्शन का स्तर बढ़ाते हुए भारत का ट्रैक और फील्ड स्पर्धाओं में सुनहरा आगाज दिलाया।
28 वर्षीय धाविका का दस हजार मी दौड़ में पिछला सर्वश्रेष्ठ समय 32 मिनट 04.41 सेकंड था जो उन्होंने जून 2008 में हासिल किया था। उधर, 25 वर्षीय कविता का पिछला सर्वश्रेष्ठ 32 मिनट 41.31 था। बहरीन की शिताया इशेते हाबऐगेब्रेल ने आओती मैन स्टेडियम में 9000 मीटर तक बढ़त बनाकर रखी थी लेकिन प्रीजा और कविता ने अंतिम क्षणों में तेजी दिखाकर अपनी सारी प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ दिया। शिताया को आखिर में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
इस सत्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही 25 साल की सुधा ने यहां भी अपनी फार्म बरकरार रखी। उन्होंने इसी सत्र में नौ मिनट 57.63 का अपना सर्वश्रेष्ठ समय निकाला था जिसमें आज इस धाविका ने सुधार किया। सुधा को तीन हजार मीटर स्टीपल चेज स्पर्धा के अंतिम क्षणों में चीन की जिन युआन से कड़ी चुनौती मिली लेकिन वह आखिर में मामूली अंतर से अपनी इस प्रतिद्वंद्वी को पीछे छोड़ने में सफल रही। चीनी धाविका ने नौ मिनट 55.71 सेकेंड के साथ रजत जबकि जापान की मिनोटी हायाकारी (दस मिनट 01.25 सेकेंड) को कांस्य पदक मिला।
भारत की जैशा ओर्चतेरी ने भी इस स्पर्धा में भाग लिया था लेकिन शुरू में आगे रहने के बावजूद वह अपना दमखम बरकरार नहीं रख पाई और आखिर में दस मिनट 18.97 सेकेंड के साथ पांचवें स्थान पर रही। जैशा पहले एक हजार मीटर तक सबसे आगे चल रही थी लेकिन 2000 मीटर में सुधा पहले स्थान पर पहुंच गई और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
इस बीच, पुरुषों की ऊंची कूद में हरिशंकर 23 नवंबर को होने वाले फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे। उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में 2.10 मीटर की दूरी नापी और क्वालीफाईंग के ग्रुप बी में चौथे स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनाई। इसी स्पर्धा के ग्रुप ए में निखिल चित्रसु ने भी भाग लिया था लेकिन वह क्वालीफाई करने में असफल रहे।
महिलाओं की 100 मीटर दौड़ में एच मंजूनाथ ने चौथी हीट में 12.04 सेकेंड का समय लेकर सेमीफाइनल में जगह बनाई जबकि पुरुषों की इसी स्पर्धा में कृष्ण कुमार राणे और मोहम्मद अब्दुल नजीब कुरैशी भी सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहे। पुरुषों की 400 मीटर दौड़ में हालांकि मुर्तजा शेख और बिबिन मैथ्यू फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए। पुरुषों की ही 5000 मीटर दौड़ में सुनील कुमार ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन उन्हें 14 मिनट 01.76 सेकेंड के साथ आठवें स्थान से संतोष करना पड़ा। भारत के हरमिंदर सिंह और बलजिंदर सिंह पुरुषों की 20 किमी पैदल चाल में क्रमश: छठे और सातवें स्थान पर रहे।

1 टिप्पणी:
आज कल लडकियां इतिहास रच रही हैं ...
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