
राजधानी में डेढ़ दशक से भी ज्यादा वक्त तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अहमहिस्सा रहीं ब्लूलाइन बसें 31 जनवरी के बाद अतीत का हिस्सा होजाएंगी। दिल्ली सरकार की ओर से इस बारे में मंगलवार को औपचारिकतौर पर ऐलान कर दिया गया। वैसे 823 ब्लूलाइन बसों का सफर तोमंगलवार रात को ही समाप्त हो गया , यानी ये बसें बुधवार से सड़कों परनहीं दौड़ेंगी। सरकार का दावा है कि ब्लूलाइन बसों के हटने के बाद भीदिल्ली के पैसेंजरों को ज्यादा दिक्कत नहीं होगी , क्योंकि उसने पहले हीडीटीसी की बसों का इंतजाम कर लिया है। यह ऐलान करते हुए परिवहन मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने बताया किउनकी सरकार ने पहले ही दिल्ली वालों से वादा किया था कि वह उन्हेंब्लूलाइन बसों से निजात दिलाएगी। अब सरकार वही वादा पूरा करने जारही है। उन्होंने बताया कि इस वक्त दिल्ली की सड़कों पर 2052 ब्लूलाइनबसें हैं। इनमें से कुछ पहले से ही छोटे रूटों पर चल रही हैं। इन दो हजार बसों में से 823 बसों के लिए मंगलवार का दिनअंतिम दिन है। बुधवार सुबह ये बसें सड़कों पर नहीं दौड़ पाएंगी।
ये वही बसें हैं जिन्हें अब तक चार - चार महीने का अस्थायी परमिट जारी किया जा रहा था। चूंकि दिल्ली सरकार ने चारमहीने का अतिरिक्त परमिट जारी करने के लिए अब अदालत से मंजूरी नहीं ली है , लिहाजा अब इन बसों को चार महीनेका अतिरिक्त परमिट जारी नहीं किया जाएगा। इस तरह से 823 बसें मंगलवार को ही हट जाएंगी। इसी तरह से 31दिसंबर तक लगभग चार सौ और ऐसी ब्लूलाइन बसें हैं , जिनका परमिट खत्म हो जाएगा। इस तरह से 31 दिसंबर तककुल मिलाकर 1212 ब्लूलाइन बसें दिल्ली वालों से दूर हो जाएंगी। बाकी जो बसें बचेंगी , उन्हें 31 जनवरी तक हटादिया जाएगा।
परिवहन मंत्री का कहना है कि चूंकि ट्रांसपोर्ट विभाग इन बसों को हटाने के लिए सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करनाचाहता है इसलिए इन बसों को हटाने के लिए वह तय समय सीमा के भीतर ही इन बस ऑपरेटरों को नोटिस भेज देगा।इसके बाद 31 जनवरी इन बसों के लिए अंतिम दिन हो जाएगा। इस तरह से अगली 1 फरवरी को दिल्ली की सड़कों परब्लूलाइन बसें नजर आनी बंद हो जाएंगी।
परिवहन मंत्री ने कहा कि हटने वाली ब्लूलाइन बस ऑपरेटरों के पास यह विकल्प है कि वे कॉन्ट्रैक्ट कैरिज का परमिटलेकर अपनी बसों को चार्टर्ड बस , टूरिस्ट बस या स्कूल बस के रूप में चला सकते हैं। उन्होंने माना कि मंगलवार रात को823 बसें हटने के बाद पैसेंजरों को एक या दो दिन दिक्कत हो सकती है लेकिन डीटीसी पूरी तरह से तैयार है और उसकीलगभग छह हजार बसों का बेड़ा बन चुका है। ये बसें , ब्लूलाइन बसों की कमी को पूरा करेंगी। इसके अलावा देहातीइलाकों में ग्रामीण सेवा भी है। ऐसे में एक - दो दिन की दिक्कत इसलिए होगी , क्योंकि टाइम टेबल में जरूरत केमुताबिक फेरबदल किया जाएगा लेकिन बाद में पब्लिक को किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।
2 टिप्पणियां:
शुकर है. अब ब्लूलाइन के ड्राइवर DTC का रूख न कर लें क्योंकि सरकार कह रही है कि उनके यहां बहुत कमी है इनकी.
ब्लू लाइन का भी एक ज़माना था, कॉलेज टाइम की यादें जुडी हैं... लेकिन आज के समय में इसका हटना ही श्रेयकर है...
प्रेमरस.कॉम
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