दोहे और उक्तियाँ !! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

दोहे और उक्तियाँ !!


ईर्ष्या की आग में कभी कठोर शब्द न बोलें| मुँह एक तोप के

सामान हो सकता है और शब्द किसी बम-बिस्फोट से भी अधिक

खतरनाक हो सकते हैं| शब्दों के प्रयोग में बहुत सतर्कता बरतें|

लोगों को यह बिलकुल पसंद नहीं होता कि आप उनके दोष गिनाए|

आप जितना अधिक कहेंगे, स्थिति उतनी ही अधिक बिगड़ेगी|

(श्री परमहंस योगानंद)

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