मस्तिष्क को कुशलता और चतुराई से संयम में रखो|
सही और स्पष्ट विचार करो| मीठा, विनम्र और सत्य
बोलो| नपे-तुले शब्दों के स्वामी बनो| मिथ्याभिमान,
दर्प और दिखावे से दूर रहो| सभी लोगों के साथ
विनम्रता का व्यवहार करो| अपने अंदर संतोष
का विकास करो और आत्मानंद का पान करो|
(स्वामी शिवानन्द )
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