विकिलीक्स द्वारा जारी संदेश में कट्टरपंथी हिंदू संगठनों पर अपने हवाले से जारी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि हर तरह का आतंकवाद और हर तरह की सांप्रदायिकता भारत के लिए बड़ा खतरा है। गांधी के अनुसार हिंदू संगठन "मुस्लिम समुदाय के साथ धार्मिक तनाव और राजनीतिक टकराव पैदा करते हैं।"कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने गांधी की ओर से उनका बयान पढ़ा। बयान में लिखा था कि "हर तरह का आतंकवाद और सांप्रदायिकता भारत के लिए खतरा हैं। हमें हर तरह के आतंकवाद से सतर्क रहने की आवश्यकता है। यह मायने नहीं रखता कि घटना को अंजाम कौन देता है।" तिवारी ने कहा, "आतंकवाद से लड़ना हर भारतीय का कर्तव्य है। कांग्रेस हमेशा इसी में विश्वास रखती है।"
संदेश के अनुसार, राहुल गांधी ने पिछले वर्ष भारत में अमेरिकी राजदूत टिमोथी जे. रोमर से कहा था कि कट्टरपंथी हिंदू संगठनों का अभ्युदय भारत के लिए, कुछ इस्लामी आतंकी संगठनों को मुस्लिम समुदाय से मिल रहे समर्थन से कहीं अधिक खतरनाक हो सकता है। समाचार पत्र 'गार्जियन' के अनुसार राहुल ने रोमर से कहा था कि यद्यपि आतंकी संगठन, लश्कर-ए-तैयबा को भारतीय मुस्लिम समुदाय के कुछ खास तत्वों का समर्थन होने के प्रमाण हैं, लेकिन चरमपंथी हिंदू संगठनों का अभ्युदय ज्यादा खतरनाक हो सकता है। ये हिंदू संगठन धार्मिक तनाव और मुस्लिम समुदाय के साथ राजनीतिक टकराव की स्थिति पैदा करते हैं।
अखबार के अनुसार राहुल ने रोमर से कहा था कि घरेलू स्तर पर तैयार हुए उग्रवादी मोर्चे के कारण पाकिस्तान या भारत के इस्लामी समूहों की ओर से प्रतिक्रियास्वरूप आतंकी हमले किए जा रहे हैं और यह चिंता का एक विषय है। इस पर बराबर ध्यान रखे जाने की जरूरत हो गई है। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी की ओर से भी इसी तरह का एक बयान आया।
गांधी की प्रतिक्रिया आने से पहले कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि कट्टरपंथी हिंदू संगठनों पर राहुल गांधी की टिप्पणी के बारे में जारी विकिलीक्स के संदेश की प्रामाणिकता जांचने के बाद ही पार्टी इस पर कोई टिप्पणी करेगी। सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा था, "हम इस मामले की जांच करेंगे, इसकी प्रामाणिकता का पता लगाएंगे और उसके बाद आपको बताएंगे।"
राहुल की इस टिप्पणी पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, "यह बयान गैरजिम्मेदाराना है, भाजपा इसकी निंदा करती है। यदि राहुल हिंदू आतंकवाद को लेकर चिंतित हैं तो उन्हें उसके बारे में संसद में बोलना चाहिए। इस मुद्दे पर किसी दूसरे देश के राजदूत से बातचीत करना इस बात को जाहिर करता है कि उन्हें देश की समस्याओं के बारे में कितनी कम जानकारी है।"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रया व्यक्त की है। आरएसएस प्रवक्ता राम माधव ने कहा कि इससे राहुल गांधी की सरासर अज्ञानता प्रदर्शित होती है। सिंघवी ने भाजपा की आलोचना को महत्वहीन बताते हुए उसे खारिज कर दिया। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "क्या लोग इस तरह के आरोपों पर ध्यान देते हैं?"
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